डिंग्को सिंह: अनाथालय से निकला बॉक्सर, जिसने एशियन गेम्स में इतिहास रचा (Image Source: IANS)
भारतीय बॉक्सर डिंग्को सिंह महज 42 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए, लेकिन इस खेल में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। 1998 एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर देश को गौरवान्वित करने वाले डिंग्को ने भारतीय मुक्केबाजी को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के साथ युवाओं को प्रेरित किया है।
1 जनवरी 1979 को मणिपुर में जन्मे डिंग्को सिंह के माता-पिता के लिए दो वक्त की रोटी का जुटाना भी बेहद मुश्किल था। ऐसे में ये दंपत्ति बेटे को अनाथालय में छोड़ने पर मजबूर हो गए। माता-पिता चाहते थे कम से कम उनके बेटे को पर्याप्त पोषण मिल सके।
प्रतिभाशाली होने के साथ डिंग्को सिंह शारीरिक रूप से भी काफी मजबूत थे। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की ओर से विशेष क्षेत्र खेल कार्यक्रम (सैग) के अधिकारियों ने अनाथालय में ही डिंग्को सिंह के टैलेंट को पहचान लिया था।