भारत की बेटियां आज हर क्षेत्र में अपना दमखम दिखा रही हैं। पढ़ाई-लिखाई हो, नौकरी हो या खेल का मैदान, अब लड़कियां किसी भी जगह पीछे नहीं हैं। झारखंड के हजारीबाग की बेटियां भी कुछ ऐसा ही कर दिखाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रही हैं। उनका एक ही लक्ष्य है कि किसी दिन भारत की जर्सी पहनकर ओलंपिक में उतरना और देश के लिए मेडल जीतकर लौटना।
उसी सपने को सच बनाने की दिशा में 'अस्मिता एथलेटिक्स लीग' एक बड़ी सीढ़ी है, जिसका आयोजन युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय, साई और भारतीय एथलेटिक्स संघ की ओर से किया जा रहा है।
यह लीग खासतौर पर 14 साल और 16 साल से कम उम्र की बालिकाओं के लिए है। इसका मकसद है कि गांव-कस्बों की प्रतिभाशाली लड़कियों को भी वही मौके मिलें, जो अब तक ज्यादातर लड़कों तक सीमित थे। प्रतियोगिता जीतने वाली बेटियों को मेडल और प्रमाणपत्र दिए जा रहे हैं, ताकि उनके मन में आगे बढ़ने का उत्साह और भी मजबूत हो।