Raiwat Sagdeo: भारत में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (एमएमए) विकास के शुरुआती चरण में है। इस खेल में करियर बनाना कांटों पर कदम रखने के समान है। लेकिन, माता-पिता से सहयोग न मिलने के बावजूद नागपुर के 21 साल के रैवत सागदेव इस खेल में धीरे-धीरे अपना रास्ता बना रहे हैं।
अपने करियर के शुरुआती दौर के बारे में बात करते हुए सागदेव ने कहा, "मैंने चुपचाप काम किया। शुरुआत में मुझे माता-पिता का सहयोग नहीं मिला। लेकिन, खेल को लेकर मेरी गंभीरता देखने के बाद उन्होंने दिल से मेरा साथ दिया।"
रैवत सागदेव के परिवार में किसी का भी मार्शल आर्ट या कराटे से कोई संबंध नहीं रहा। उनके पिता निजी क्षेत्र में काम करते थे, जबकि मां गृहणी थीं। हरियाणा-हिमाचल सीमा पर स्थित पिंजौर में उनका बचपन बीता। स्कूल में ताइक्वांडो और कराटे उनके सिलेबस का हिस्सा थे। यहीं सागदेव का परिचय मार्शल आर्ट से हुआ।