Advertisement
Advertisement
Advertisement

सोनीपत के रहने वाले अभिषेक पेरिस ओलंपिक में दिखाएंगे दम

खेलों का महाकुंभ यानी पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का पहला मुकाबला न्यूजीलैंड से शनिवार (27 जुलाई) को होगा। ओलंपिक के मंच पर एक बार फिर भारतीय हॉकी टीम अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं। वहीं इस टीम में एक ऐसा खिलाड़ी भी है, जिसकी कहानी बड़ी दिलचस्प और प्रेरणादायक है। इस खिलाड़ी का नाम अभिषेक है, जिसे विरोधी टीमें अटैकिंग खिलाड़ी के नाम से जानती हैं।

Advertisement
IANS News
By IANS News July 26, 2024 • 14:00 PM
'It's been my dream to play for India in Olympics,' says hockey forward Abhishek
'It's been my dream to play for India in Olympics,' says hockey forward Abhishek (Image Source: IANS)

खेलों का महाकुंभ यानी पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का पहला मुकाबला न्यूजीलैंड से शनिवार (27 जुलाई) को होगा। ओलंपिक के मंच पर एक बार फिर भारतीय हॉकी टीम अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं। वहीं इस टीम में एक ऐसा खिलाड़ी भी है, जिसकी कहानी बड़ी दिलचस्प और प्रेरणादायक है। इस खिलाड़ी का नाम अभिषेक है, जिसे विरोधी टीमें अटैकिंग खिलाड़ी के नाम से जानती हैं।

हर खिलाड़ी के जीवन में संघर्ष होते हैं, इसमें कोई नई बात नहीं है लेकिन अभिषेक के जीवन में कई हादसे भी शामिल है। अभिषेक बचपन में कई हादसों का शिकार हुए लेकिन उन्होंने कभी हॉकी का साथ नहीं छोड़ा। अभिषेक के पिता ने बताया कि वो तीसरी कक्षा से हॉकी खेल रहा है। इस दौरान उसे कई बार गंभीर चोट लगी। सबसे बड़ा हादसा उसके साथ तब हुआ, जब वो कक्षा छठी में था तब वो पेड़ से गिर गया था।

उसे हाथ पर 18 टांके लगे और उसकी हालत बेहद नाजुक थी लेकिन हमारे लाख मना करने के बावजूद उसने ठीक होने के बाद हॉकी खेलना फिर शुरू किया। उसमें हर चुनौती से लड़ने की हिम्मत है इसलिए उम्मीद यही है कि टीम गोल्ड के साथ स्वदेश लौटे।

अभिषेक की मां ने भी उनकी काबिलियत और उनकी कभी न हार मानने की क्षमता की सराहना की। जब भी उसे खेल के दौरान चोट लगती थी, तब हम उसे हमेशा कहते थे कि पढ़ाई में ध्यान दे और हॉकी छोड़ दे। लेकिन उसने हमारी नहीं मानी और आज में हमें उसे इस मंच पर देखकर बहुत खुशी होती है।

परिवार को उसकी चिंता सता रही थी, इस पर परिवार के सदस्यों ने उसे खेल छोड़ने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माना। उसकी वही जिद सफलता से जुड़ गई है।

अभिषेक को ओलंपिक के लिए इस तरह का जुनून सवार था कि वह घर पर भी बहुत कम आता था और सिवाए खेल के उसे कुछ दिखाई नहीं देता था। परिवार का कहना है कि अभिषेक इस बार देश के लिए गोल्ड जीतकर ही वापिस आएगा।

परिवार को उसकी चिंता सता रही थी, इस पर परिवार के सदस्यों ने उसे खेल छोड़ने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माना। उसकी वही जिद सफलता से जुड़ गई है।

Also Read: जब वर्ल्ड कप विजेता टीम को वापस लाने के लिए चार्टर फ्लाइट के पायलट ने ऑटोमेटिक लैंडिंग की

भारत की मेंस हॉकी टीम पूल बी में है। भारत का पहला मैच 27 जुलाई को न्यूजीलैंड के खिलाफ होगा।


Advertisement
TAGS
Advertisement