भारत के पहले पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट मुरलीकांत पेटकर ने 1972 के हीडलबर्ग पैरालंपिक में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा था। भारतीय सेना के पूर्व जवान ने अपने साहस और दृढ़ संकल्प से देश का नाम रोशन किया। वह लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बने। मुरलीकांत ही 'चंदू चैंपियन' फिल्म के असली हीरो हैं।
1 नवंबर 1944 को महाराष्ट्र के पेठ इस्लामपुर में जन्मे मुरलीकांत पेटकर भारतीय सेना के जवान थे। सेना में जाने से पहले चंदू एक मुक्केबाज के रूप में पहचान बना चुके थे। उन्होंने 1965 में मुक्केबाजी में राष्ट्रीय खिताब भी जीता था। साल 1965 में भारत-पाकिस्तान की जंग में उन्होंने निडरता से युद्ध लड़ा।
इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स (ईएमई) कोर में क्राफ्ट्समैन रैंक के सैनिक मुरलीकांत उस समय कश्मीर में थे। इस बीच उन्हें एक सीटी की आवाज सुनाई दी। सभी को लगा कि शायद टी-ब्रेक के लिए सीटी बजी है, लेकिन ये हवाई हमले का अलर्ट था।