वेस्टइंडीज क्रिकेट को बुलंदियों तक पहुंचाने में ब्रायन लारा ने दिया था अहम योगदान, कुछ ऐसी रही थी इनकी कहानी
90 के दशक की शुरूआत में वेस्टइंडीज की टीम सफलता के ढलान से नीचे लुढ़क रही थी ऐसे में वेस्टइंडीज क्रिकेट में ब्रायन चाल्स लारा का आगमन हुआ। ब्रायन लारा ने अपने बेहतरीन खेल से वेस्टइंडीज क्रिकेट में नई जान फूंक दी थी।
2 मई 1969 को वेस्टइंडीज के सांताक्रुज, त्रिनिदाद में पैदा हुए ब्रायन लारा ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर की शुरूआत 1990 में पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर टेस्ट से करी थी। पहले ही मैच में ब्रायन लारा ने 44 रन बनाकर संकेत दे दिए थे कि आने वाला समय उनका ही है।
टेस्ट क्रिकेट में ब्रायन लारा ने अपना पहला शतक 1993 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था। लेकिन लारा शतक पूरा करने के बाद भी शांत नहीं हुए और बेहतरीन 277 रन की पारी खेलकर अपने इस शतक को दोहरे शतक में तब्दील कर दिया था। उनके द्वारा बनाया गया 277 रन अपने पहले शतक के दौरान किसी भी बल्लेबाजी के द्वारा बनाया गया सर्वोतम स्कोर है जो अभी भी एक रिकॉर्ड है। यह लारा के क्रिकेटर करियर का पांचवां टेस्ट मैच था। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में खेली गई इस पारी से लारा इतना खुश हुए कि उन्होंने अपनी बेटी का नाम ही सिडनी रख दिया।
ब्रायन लारा ने टेस्ट क्रिकेट में 131 टेस्ट मैच खेलकर 11,953 रन बनाएं हैं जिसमें 34 शतक और 48 अर्धशतक शामिल हैं। तो वहीं वनडे क्रिकेट में ब्रायन लारा ने 299 मैच में 10,405 रन बनाएं हैं जिसमें 19 शतक और 63 अर्धशतक शामिल हैं।
टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक स्कोर का रिकॉर्ड भी ब्रायन लारा के नाम ही है। उन्होंने 2004 में एंटीगुआ टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 400 रन की पारी खेलकर यह रिकॉर्ड बनाया था। यह पहली बार नहीं था जब लारा ने टेस्ट क्रिकेट में इतनी विशाल पारी खेली थी। इससे पहले भी 1994 में इंग्लैंड के खिलाफ ब्रायन लारा ने 375 रन की रिकॉर्डतोड़ पारी खेली थी और अपने हमवतन हरफनमौला खिलाड़ी सर गैरी सोबर्स (365* रन) के 36 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ा था।
इसके करीब 9 साल बाद ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू हेडन ने जिम्बाब्वे के खिलाफ 380 बनाकर लारा के रिकॉर्ड को तोड़ा था। लेकिन लारा कहां रूकने वाले थे और हेडन का यह रिकॉर्ड एक साल से ज्यादा नहीं टिक पाया। लगभग एक साल बाद 2004 में ब्रायन लारा ने इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 400 रन बनाकर व्यक्तिगत सर्वाधिक स्कोर के रिकॉर्ड को अपने नाम कर लिया था। अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक स्कोर बनाने के साथ-साथ फर्स्ट क्लास क्रिकेट सर्वाधिक स्कोर बनानें का रिकॉर्ड भी लारा के नाम ही हैं उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 501 रन की रिकॉर्ड पारी खेली हुई है।
टेस्ट क्रिकेट में लारा के नाम 9 दोहरे शतक दर्ज हैं। इस मामले में लारा सिर्फ श्रीलंका के कुमार संगकारा औऱ सर डॉन ब्रेडमैन (12 दोहरा शतक ) से पीछे हैं।
16 दिसंबर 2006 को ब्रायन लारा ने वनडे क्रिकेट में 10,000 रन पूरे किए थे और वेस्टइंडीज के तरफ ऐसा करने वाले वह पहले बल्लेबाज बने थे। जिस वक्त लारा ने 10,000 रन वनडे क्रिकेट में पूरे किए थे उस समय सिर्फ सचिन तेंदुलकर का नाम ही दस हजारी क्लब में शामिल था।
ब्रायन लारा ने वेस्टइंडीज टीम की कप्तानी की जिम्मेदारी भी संभाली लेकिन कप्तानी में वह कुछ खास कमान नहीं दिखा पाए। 1998 से 1999 के बीच लारा ने वेस्टइंडीज टीम की कप्तानी करी। लारा की कप्तानी में वेस्टइंडीज को साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहली बार वाइटवॉस का सामना करना पड़ा और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज 2-2 से ड्रॉ रही। 2007 में वर्ल्ड कप के बाद ब्रायन लारा ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया था।
ब्रायन लारा के बनाएं गए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1998-99 में ब्रिजटाउन पर 153 नॉट आउट रन का पारी को “विजडन 100” ने टेस्ट क्रिकेट की दूसरी सबसे बेहतरीन पारियों में रखा है,1936-37 में सर डॉन ब्रेडमैन के द्वारा इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया 270 रन की पारी को विजडन ने पहले नंबर पर जगह दी है।
1994 में लारा को बीबीसी स्पोर्ट्स पर्सनालिटी ऑफ द ईयर ओवरशिज पर्सनालिटी के अवॉर्ड से सम्मानित किया तो ब्रायन लारा को 1995 में विजडन क्रिकेटर ऑफ द इयर के खिताब से नवाजा गया था।
2009 में लारा को ऑडर ऑफ ऑस्ट्रेलिया का सदस्य बनाया गया है जो ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट और वेस्टइंडीज क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए काम करता है तो साथ ही जनवरी 2012 में लारा को आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था।
ब्रायन लारा के बारे में ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यु हेडन ने कहा है कि ब्रायन लारा बल्लेबाजी के जादूगर है, खासकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनका बल्ला इस कदर चलता है मानों मैदान के बीचों – बीच बल्लेबाजी की जादूगरी पेश हो रही है। शेन वॉर्न , ग्लेन मैक्ग्रा की रातों की नींद लारा ने खराब कर रखी थी। वो एक बेहतरीन बल्लेबाज थे। मेरे लिए वह बेहद ही गौरव की बात थी जब मैनें इस बल्लेबाज का टेस्ट में बनाया गया रिकॉर्ड को तोड़ा था।