5 खिलाड़ी जिन्होंने अपने क्रिकेट बोर्ड की सरेआम कर दी बेइज्जती, लिस्ट में 1 भारतीय शामिल
क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच रिश्ते का उस टीम की परफॉर्मेंस पर काफी असर पड़ता है। लेकिन क्रिकेट के इतिहास में ऐसे कई मौके आए हैं जब किसी खिलाड़ी और बोर्ड के बीच तनातनी इतनी ज्यादा बढ़ गई कि मामला बाहर तक आ गया। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे ऐसे 5 क्रिकेटर्स जिन्होंने अपने बोर्ड की सरेआम बेइज्जती कर दी थी।
ड्वेन ब्रावो: विंडीज क्रिकेट बोर्ड और उनके खिलाड़ियों के बीच रिश्ते किसी से छिपे नहीं हैं। साल 2014 में ड्वेन ब्रावो ने खिलाड़ियों को भुगतान ना होने से पहले विंडीज क्रिकेट बोर्ड को मैच में ना उतरने की धमकी दी थी। ब्रावो ने खुलेआम बोर्ड पर भुगतान करने का वादा करके मुकरने का आरोप भी लगाया था।
केविन पीटरसन: इंग्लैंड के दिग्गज बल्लेबाज केविन पीटरसन खुलकर ईसीबी के खिलाफ बोलते हुए नजर आए हैं। यही वजह है कि उनके इस रवैये के चलते उन्हें एशेज सीरीज 2014 की हार का कारण मानते हुए टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। टीम से ड्रॉप होने के बाद केविन पीटरसन ने ईसीबी को जमकर सुनाया था।
मोहिंदर अमरनाथ: टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी मोहिंदर अमरनाथ ने चयनकर्ताओं को जोकरों का समूह तक कह दिया था। 1983 विश्व कप जीत में मोहिंदर अमरनाथ का अहम योगदान रहा था। साल 1989 में जब अमरनाथ को टीम से बाहर किया तब चयनकर्ताओं पर उनका गुस्सा फूटा था।
कामरान अकमल: पाकिस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज कामरान अकमल ने पीसीबी पर जमकर अपना गुस्सा निकाला था। अकमल को साल 2016 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे से जब टीम से बाहर कर दिया गया था तब उन्होंने बयान देते हुए कहा था कि मैं बोर्ड की इस ठगी से बहुत निराश हूं।
रेयान बर्ल: जिम्बाब्वे के बल्लेबाज रेयान बर्ल ने अभी कुछ दिनों पहले फटे जूते की तस्वीर शेयर कर स्पोन्सर की मदद मांगी थी। बर्ल की इस गुहार के बाद प्यूमा कंपनी मदद के लिए आगे आई और खिलाड़ियों को स्पोन्सरशिप दी। लेकिन बर्ल के इस रवैये से जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड काफी नाराज है और वह उनपर अनुशनात्मक कार्रवायी करने का फैसला कर रहा है।