तालिबान के राज में अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का क्या होगा?
Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में तालिबान युग की वापसी हो गई है और उनके राष्ट्रपति अशरफ गनी भी देश छोड़कर ताजिकिस्तान चले गए हैं। अफगान में इस वक्त काफी अराजकता का माहौल है ऐसे में फैंस के मन में अफगानिस्तान क्रिकेट और उनके क्रिकेटर्स को लेकर सवाल उठ रहे हैं। लोगों के मन में सवाल है कि क्या तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान क्रिकेट का वजूद खत्म हो जाएगा?
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के CEO ने कुछ हद तक इस सवाल का जवाब दिया है। हामिद शिनवारी ने कहा, 'जहां तक क्रिकेट की बात है तो कोई विवाद नहीं है, सब कुछ ठीक है। खिलाड़ी और उनके परिवार अच्छे हैं। हम लोग आगामी टी-20 विश्वकप में हिस्सा लेंगे और खिलाड़ी आईपीएल खेलेंगे। चिंता की कोई बात नहीं है। हम लोग पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज की तैयारी भी कर रहे हैं। और खेलेंगे भी।'
वहीं जाने माने पत्रकार तिमेरी मुरारी ने एक बातचीत के दौरान बड़ा खुलासा करते हुए कहा, 'साल 2000 में जब मैंने पढ़ा कि तालिबान क्रिकेट को प्रमोट कर रहा है। तो यह मेरे लिए एक सपने जैसा था कि कैसे निर्दोषों पर जुल्म करने वाला एक संगठन, जिसे क्रिकेट के बारे में कुछ पता नहीं है, वो अफगानिस्तान क्रिकेट को आगे लाना चाहता है। तालिबान ने इससे पहले गाने से लेकर मूवीज और हर तरह के गानों पर बैन लगा था। लेकिन क्रिकेट पर नहीं।'
इससे पहले रााशिद खान और मोहम्मद नबी ने ट्वीट कर देश के हालात पर दुख जताया था। रााशिद खान और मोहम्मद नबी दोनों ही खिलाड़ी इस समय यूके में द हंड्रेड लीग में खेल रहे हैं। क्रिकेटर्स फिलहाल सुरक्षित हैं लेकिन इस वक्त उन्हें भी नहीं पता कि वो कहां जाएंगे।