'विराट कोहली वही शख्स हैं जो पिता की मौत के बाद क्रिकेट खेलने गया था'
Virat Kohli mental health: पिता की मृत्यु के एक दिन बाद रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के लिए खेलने गए बहादुर विराट कोहली की कहानी अब तक की सबसे साहसी कहानियों में से एक है। विराट कोहली ने तब जो किया वह कुछ ऐसा है जिसकी बात आज भी लोग करते हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय जडेजा ने इसी बात का जिक्र करते हुए विराट कोहली के क्रिकेट से ब्रेक पर अपनी राय रखी है।
विराट कोहली ने कहा था, 'ये ब्रेक कुछ अलग था। 10 साल में पहली बार मैंने एक महीने से अपने बल्ले को नहीं छुआ। मैं बैठ गया और मुझे एहसास हुआ कि मैं अपनी इंटेसिटि को फेक करने की कोशिश कर रहा हूं। मैं अनुभव कर रहा था कि मैं ट्रेनिंग के लिए उत्साहित नहीं हूं, मैं अभ्यास करने के लिए उत्साहित नहीं था और इसने मुझे वास्तव में परेशान किया क्योंकि यह वो नहीं है जो मैं हूं और मुझे सचमुच उस माहौल से दूर जाने की जरूरत थी।'
अजय जडेजा ने क्रिकबज के साथ बातचीत के दौरान कहा, 'यह एक मानसिक खेल है क्योंकि यह सिर्फ आपका दिमाग नहीं है। आप एक टीम में खेल रहे हैं। आप एक निश्चित भूमिका निभा रहे हैं जो दूसरे व्यक्ति को भी प्रभावित करती है। मुझे संदेह है कि उसने 10 साल में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि इतने लंबे टाइम तक बल्लेबाजी नहीं की। यह पहली बार है कि उसने इसका अनुभव किया है और लोग जीवन को अलग तरह से देखते हैं।'
अजय जडेजा ने आगे कहा, 'जब आप 18-20 के होते हैं और जब आप 30 या 40 के हो जाते हैं, तो आप एक ही परिदृश्य को अलग तरह से देखते हैं। ये वही आदमी है जो जब उनके पिता का निधन हो गया वे क्रिकेट के मैदान में गए। वे श्मशान नहीं गए। वह क्रिकेट के मैदान में गए अपनी पारी समाप्त की और उस उम्र में उन्होंने सोचा कि क्या किया जाना है। और अब वह शायद अलग तरह से सोचते हैं।'
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जडेजा ने कहा, 'विराट कोहली को इसलिए प्यार किया जाता है क्योंकि उन्होंने वो काम किया जो आजतक किसी ने नहीं किया। मुझे लगता है कि उन्होंने पिछले 10-12 साल में इंटरनेशनल क्रिकेट में जो ऊर्जा दिखाई है किसी और इंसान ने उस तरह की ऊर्जा नहीं दिखाई। मैं उम्मीद कर रहा हूं आज नहीं तो कल वो रन बनाएंगे।'