क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार ने बीसीसीआई के सचिव अमिताभ चौधरी पर लगाए गंभीर आरोप

Updated: Tue, Nov 30 -0001 00:00 IST
बिहार क्रिकेट संघ (image source twitter)

4 मई, नई दिल्ली (CRICKETNMORE)। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) के सचिव आदित्य वर्मा ने यहां शुक्रवार को कहा कि क्रिकेट के हित में जो भी कदम उठाने होंगे, वह संस्था उठाएगी। उन्होंने बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी पर अदालत को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे कभी नहीं चाहते कि बिहार में क्रिकेट का भला हो।

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उन्होंने कहा कि बिहार में अगर कोई भ्रम में है कि क्रिकट के क्षेत्र में वही सर्वेसर्वा हैं, तो यह गलत है। उन्होंने कहा, "हमारी संस्था भी इसके लायक है और पूरी तरह तैयार भी है।" 

पटना में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, "हमारी संस्था द्वारा कराए जा रहे आयोजनों में खिलाड़ियों को खेलने से रोका जाता था, लेकिन एक मई को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के बाद अगर कोई इन खिलाड़ियों को रोकने का प्रयास किया तो हम चुप बैठने वाले नहीं हैं।" 

उन्होंने कहा, "आठ से दस मई तक एक टूर्नामेंट का आयोजन करने जा रहे हैं, जिसमें चार टीमें दिग्गज क्रिकेटरों के नाम पर खेलेगी। अगर इस टूर्नामेंट में भाग लेने से किसी को रोका गया तो अंजान भुगतने के लिए वे तैयार रहे हैं।"

उन्होंने स्पष्ट कहा कि झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ चौधरी कभी नहीं चाहते कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) को पूर्ण मान्यता मिले। ऐसा होने से उनका झारखंड राज्य क्रिकेट संघ की मान्यता खतरे में पड़ जाएगी। 

उन्होंने कहा कि चौधरी ने गलत तरीके से बिहार क्रिकेट संघ के नाम से पहले रांची में एक संस्था का निबंधन कराया और बाद में उसका नाम बदल कर झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन कर लिया। उन्होंने कहा, "अगर बीसीए तो जेएससीए नहीं और अगर जेएससीए तो बीसीए नहीं।"

उन्होंने बताया कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का निबंधन रद्द कर दिया गया है और एक नाम से दो जगह से अब निबंधन नहीं हो सकता है। बीसीसीआई से पूर्ण मान्यता के लिए सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट से निबंधन जरूरी है, जिसके लिए अब सीएबी तैयार है।

संघ के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेमरंजन पटेल ने कहा कि क्रिकेट एसोसिएशन आफ बिहार हमेशा राज्य के क्रिकेटरों की हित की लड़ाई लड़ा है। उन्होंने मोइनुल हक स्टेडियम को बीसीए को देने पर एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि गैर निबंधित संस्था को सरकार अपनी इतनी बड़ी संपत्ति कैसे सौंप सकती है। 

इस संवाददाता सम्मेलन में सीएबी के अधिवक्ता चंद्रशेखर वर्मा, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ नालंदा के सचिव मोहम्मद अरशद जेन सहित कई लोग मौजूद थे।

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