'बिरयानी से दूर रहना सबसे मुश्किल था', टीम इंडिया में शामिल हुए इस खिलाड़ी ने खोले कई राज

Updated: Sun, May 09 2021 19:24 IST
Avesh Khan life events during Pandemic and lockdown (Image Source: Google)

बीसीसीआई ने 7 मई (शुक्रवार) को इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज का ऐलान किया। इस दौरान बीसीसीआई ने 20 सदस्यी दल की घोषणा की और साथ में कुछ खिलाड़ियों को स्टैंडबाई पर रखा। इन खिलाड़ियों में प्रसिद्ध कृष्णा, आवेश खान, अर्जन नागवासवाला और अभिन्यू ईश्वरन मौजूद हैं।

आवेश खान जिन्होंने आईपीएल 2021 में दिल्ली कैपिटल्स के लिए अभी तक दमदार प्रदर्शन किया था वो किसी भी युवा गेंदबाज के लिए किसी सपने के सच होने से कम नहीं था।

मालूम हुआ कि जब आवेश खान का सेलेक्शन भारतीय टीम में हुआ तब वो शुक्रवार को रामदान के महीने का नामाज पढ़ रहे थे। आवेश खान अभी 24 साल के है लेकिन वो साल 2018 से ही भारतीय टीम के साथ बतौर नेट गेंदबाज शामिल हैं। लेकिन अब जब उनका नाम इंग्लैंड दौरे पर बतौर स्टैंडबाई गेंदबाज आया तो उनकी सफलता में और चार चांद लगा।

आवेश खान ने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ एक खास बातचीत में कहा है कि पिछले साल जब पहली बार कोरोना महामारी आई तब वो और उनके परिवार वाले उनके घर के सामने से गुजरने वाले हर जरूरतमदों को खाना खिलाया करते थे। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि लॉकडाउन के समय फिटनेस बरकरार रखना और बहुत बड़ी चुनौती होती है और पिछले साल बिना मैचों के खुद के शरीर को फिट रखना बेहद मुश्किल काम था।

इसके अलावा उन्होंने एक और मजेदार खुलासा करते हुए कहा कि फिटनेस को और बढ़ाने के लिए और शरीर को तेज गेंदबाजी के लिए तैयार करने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की। पिछले साल के आईपीएल के बाद उन्होंने अपना वजन घटाया और इस साल आईपीएल में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए दिल्ली की गेंदबाजी को और मजबूती प्रदान की।

आगे उन्होंने बात करते हुए कहा कि उनके लिए सबसे मुश्किल फैसला था बिरयानी से दूर होना। पूरे मामले के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा," मैनें एक खुद का डाइटीसियन रखा था। उसके कारण अब मै रोजाना वहीं सब चीजें करता हूं। मैं सभी चीजें प्लान के बना कर रह हूं। पिछले 3 महीने में मैंने 6 किलोग्राम वजन घटाया है। मेरा डाइटीसियन मुझे बिरयानी नहीं खाने देता। हालांकि रामदान के महीने वो मुझे थोड़ी छुट देता है।"

घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों की दशा बताते हुए उन्होंने कहा,"मुझे उन घरेलू खिलाड़ियों के लिए भी बहुत बुरा लगता है जिनको रणजी ट्रॉफी में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिलता। मेरे पास आईपीएल का कॉन्ट्रेक्ट है लेकिन ऐसे कई खिलाड़ी है जिनके पास जॉब नहीं है और रणजी ट्रॉफी के अलावा उनके पास और कोई चारा नहीं है। मुझे एहसास हुआ कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे लगातार मौके मिल रहे हैं ।"

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