VIDEO: ग्राउंड पर ही रोने लगे थे आज़म खान, मार्क वुड वाले किस्से को खुलकर बताया
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफलता और संघर्ष दोनों साथ चलते हैं। हर खिलाड़ी अपने करियर में उतार-चढ़ाव का सामना करता है और इसका सामना पाकिस्तान के विकेटकीपर-बल्लेबाज़ आज़म खान ने भी किया जब वो पिछले साल इंग्लैंड के एक कठिन दौरे पर पाकिस्तान की टी-20 टीम का हिस्सा थे। इस दौरे पर पाकिस्तानी टीम का प्रदर्शन काफी खराब रहा और आजम खान भी बुरी तरह से फ्लॉप रहे।
ओवल में खेले गए चौथे टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में तो वो मैदान पर ही भावनात्मक रूप से टूट गए। ये मैच पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच एक अहम मुकाबला था। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 157 रन बनाए, लेकिन इंग्लैंड ने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया और सात विकेट से जीत दर्ज की। इस दौरान आज़म खान 32 रन बनाकर आउट हुए। उनके आउट होने के बाद मैदान पर और ड्रेसिंग रूम में उनका मनोबल पूरी तरह गिर गया।
आज़म 84 रन पर टीम के चार विकेट गिरने के बाद क्रीज़ पर आए थे। शुरुआत में उन्होंने कुछ रन बनाए, लेकिन इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ मार्क वुड की रफ्तार और बाउंसरों ने उन्हें परेशानी में डाल दिया। एक बाउंसर उनके दस्तानों को छूकर निकल गई और अगली गेंद पर वो शॉट लगाने के प्रयास में आउट हो गए। अब उन्होंने एक इंटरव्यू में उस मैच में हुए इमोशनल ब्रेकडाउन के बारे में कहा, “उस पल मैं सुन्न हो गया था। मुझे लगा गेंद बाउंड्री पार कर जाएगी, लेकिन जब मैंने आउट होने के बाद चारों ओर देखा, तो समझ नहीं आ रहा था कि मेरे साथ क्या हुआ।”
उनका बुरा दिन यहीं खत्म नहीं हुआ। विकेटकीपिंग के दौरान आज़म ने कुछ आसान कैच छोड़े, जिनमें से एक हारिस रऊफ़ की गेंद पर था। इस गलती के बाद वो खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाए और मैदान पर ही उनकी आंखों से आंसू निकल आए। उन्होंने स्वीकार किया कि वो मानसिक रूप से बेहद दबाव में थे। मैदान पर मौजूद दर्शकों की प्रतिक्रियाएं भी उनके लिए और चोटिल करने वाली रहीं। कुछ दर्शकों ने उन्हें “बेकार खिलाड़ी” तक कह डाला।
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एक पाकिस्तानी फैन ने मीडिया से कहा, “आज़म खान बल्लेबाज़ी नहीं कर सकते, कीपिंग नहीं कर सकते, वो कुछ भी नहीं हैं।” ये बयान आज़म के आत्मविश्वास को और भी तोड़ गया। हालांकि, ये मैच उनके लिए बेहद कठिन था, लेकिन उन्होंने बाद में कहा कि इस अनुभव ने उन्हें एक महत्वपूर्ण सबक सिखाया है। उन्होंने कहा, “जब सबकी निगाहें आप पर होती हैं और छोटी सी गलती भी बड़ी लगती है, तब सबसे ज़रूरी ये होता है कि आप उस स्थिति से कैसे उभरते हैं।”