विजय हजारे नॉकआउट मैच की खराब प्लानिंग का बोर्ड ने लिया संज्ञान

Updated: Thu, Oct 24 2019 17:08 IST
विजय हजारे नॉकआउट मैच की खराब प्लानिंग का बोर्ड ने लिया संज्ञान Images (twitter)

नई दिल्ली, 24 अक्टूबर | भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने देश के 50 ओवरों के घरेलू टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी में नॉक आउट दौर की खराब प्लानिंग का संज्ञान लिया है।

नॉकआउट मैच रद्द हो जाने के कारण मुंबई और पंजाब की टीमें टूर्नामेंट में आगे नहीं जा पाई थीं। बारिश के कारण मैच नहीं हो सके थे और तमिलनाडु तथा छत्तीसगढ़ ने लीग चरण में ज्यादा मैच जीतने के दम पर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था।

बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि यह बुरी बात है कि दो बेहतरीन टीमें बाहर हो गई और उनके लीग चरण के प्रदर्शन के दम पर उनके भविष्य का फैसला किया गया। उन्होंने इसे क्रिकेट संचालन महाप्रबंधक सबा करीम की खराब नीति का कराण बताया है। घरेलू टूर्नामेंट करीम के मार्गदर्शन में ही आयोजित किए जाते हैं।

अधिकारी ने कहा, "यह सिर्फ दो टीमों के लिए बुरी बात नहीं है बल्कि साथ ही खराब प्लानिंक की भी बात है। जब आप मैच के स्थलों का चुनाव अपनी मर्जी से करते हैं और जब आपकी प्लानिंग बिना फीडबैक के हुई है। आप समस्या को निमंत्रण दे रहे हैं।"

एक और अधिकारी ने मुंबई की टीम का हवाला देते हुए कहा कि यह उस टीम के लिए गलत था जो इतना अच्छा खेल रही थी।

उन्होंने कहा, "आपने स्कोर देखा था। मुंबई छत्तीसगढ़ के 190 के स्कोर के सामने 11 ओवरों में बिना किसी विकेट के 95 रन बना चुकी थी। क्या आप मुझसे यह कह सकते हैं कि उन्हें मौका नहीं िंमलना चाहिए था? यह बड़ा टूर्नामेंट है, लेकिन नॉकआउट में रिजर्व डे बड़ा मुद्दा नहीं होना चाहिए?"

दिलचस्प बात यह है कि नए बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने भी कहा था कि इन चीजों को देखने की जरूरत है हालांकि उन्हेंने करीम को संदेह का लाभ दिया था और कहा था कि टूर्नामेंट की शुरुआत में नियम साफ थे।

उन्होंने कहा, "हां, एक मुद्दा यह है क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल के लिए रिजर्व डे जरूरी हैं। रिजर्व डे के अलग चीज है, लेकिन जो हुआ वो नियमों के हिसाब से हुआ जो टूर्नामेंट की शुरुआत में दिए गए थे।

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