'नॉट आउट थे जॉनी बेयरस्टो', ब्रैड हॉग ने अपनी ही टीम पर उठाए सवाल
ऑस्ट्रेलिया ने बेशक दूसरा एशेज टेस्ट जीत लिया हो लेकिन इस टेस्ट मैच के पांचवें दिन जिस तरह से जॉनी बेयरस्टो को आउट किया गया उसे लेकर विवाद काफी बढ़ रहा है। एलेक्स कैरी ने जिस तरह से जॉनी बेयरस्टो को स्टंप आउट किया उसे लेकर कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि पैट कमिंस को वो अपील वापस ले लेनी चाहिए थी। यहां तक कि इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने भी कहा है कि अगर वो होते तो वो जरूर अपील वापस ले लेते।
अब ऑस्ट्रेलिया के ही पूर्व स्पिनर ब्रैड हॉग ने जॉनी बेयरस्टो के विवादास्पद आउट पर रिएक्ट करते हुए अपनी टीम की खेल भावना पर सवाल उठाए हैं। हॉग का मानना है कि बेयरस्टो को नॉट आउट दिया जाना चाहिए था। इसके साथ ही हॉग ने ऑस्ट्रेलिया टीम की खेल भावना पर भी सवाल उठाए और कहा कि क्रिकेट की खेल भावना को बाउंड्री तक धकेला गया।
अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए ब्रैड हॉग ने लिखा, "बेयरस्टो का विकेट, नॉट आउट था। क्रिकेट की भावना को बाउंड्री तक धकेल दिया गया। वो रन लेने का प्रयास नहीं कर रहा था और ओवर भी समाप्त हो गया था। उसने क्रीज के अंदर अपना पैर भी खरोंचा था, फिर वो आमतौर पर दूसरे छोर पर अपने पार्टनर के साथ बात करने के लिए चला गया।"
हालांकि, ब्रैड हॉग के अलावा कई एक्सपर्ट्स बेयरस्टो को आउट दिए जाने से बिल्कुल भी हैरान नहीं हैं और उनका मानना है कि एलेक्स कैरी ने जो किया वो नियमों के तहत किया। ऐसे में आप सबके मन में ये सवाल भी उठ रहा होगा कि इस संबंध में नियम क्या कहते हैं? तो चलिए आपको बताते हैं कि कब एमसीसी के क्रिकेट नियमों में डेड बॉल का कानून लागू होता है। नियम कुछ इस प्रकार है
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20.1.1 गेंद तब डेड हो जाती है, जब ये विकेटकीपर या गेंदबाजों के हाथों में आराम से पहुंच जाती है। गेंद को तब डेड माना जाएगा जब गेंदबाज के छोर पर अंपायर को ये स्पष्ट हो जाए कि क्षेत्ररक्षण टीम और विकेट पर दोनों बल्लेबाजों ने इसे खेल में मानना बंद कर दिया है। डेड बॉल नियम 20.2 कहता है कि केवल अंपायर ही ये निर्णय ले सकता है कि गेंद सेटल हुई है या नहीं। इसलिए ये निर्णय लेना तीसरे अंपायर पर निर्भर था।