नाबाद 400 के टॉप स्कोर की बदौलत ब्रायन लारा अभी भी  टेस्ट के बॉस लेकिन इन सच को कैसे नजरअंदाज करें?

Updated: Tue, Aug 26 2025 08:31 IST
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Brian Lara’s 400 not out vs England: ब्रायन लारा ने 2004 में एंटीगा में इंग्लैंड के विरुद्ध 400* बनाए जो वर्ल्ड रिकॉर्ड स्कोर हैं। उनकी टीम ने इस पारी में 626-5 बनाए थे। कुछ दिन पहले, दक्षिण अफ्रीका के अस्थाई कप्तान वियान मुल्डर के पास सबसे बड़े टेस्ट स्कोर का रिकॉर्ड अपने नाम करने का बड़ा अच्छा मौका था। वह 367* पर थे और लारा से आगे निकलने के लिए सिर्फ 34 रन और चाहिए थे, तभी लारा का रिकॉर्ड तोड़ने की कोशिश छोड़ दी और पारी घोषित कर दी। दिन का खेल खत्म होने के बाद मुल्डर ने कहा, 'ब्रायन लारा एक महान खिलाड़ी हैं। लारा का यह रिकॉर्ड कायम रखना बिल्कुल वैसा ही है, जैसा होना चाहिए।'

हेडन ने पर्थ में जिम्बाब्वे के विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया के लिए 380 रन बनाकर लारा के 1994 में एंटीगा में बनाए 375 रन का रिकॉर्ड तोड़ा था। हेडन के रिकॉर्ड के 6 महीने बाद ही लारा ने ये 400*  (778 मिनट में 582 गेंदों पर)  बनाकर टॉप स्कोर का रिकॉर्ड फिर से अपने नाम कर लिया था। 

1998 में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान मार्क टेलर ने (पेशावर में पाकिस्तान के विरुद्ध दूसरे टेस्ट में) इसी तरह तब पारी घोषित कर दी थी जब वे ब्रैडमैन के टॉप स्कोर 334 रन के बराबर थे और ब्रैडमैन के स्कोर को पार नहीं किया था। हैरानी की बात ये है कि जो टेलर ने किया उसकी तो तारीफ़ हुई, वहीं ज्यादातर ने मुल्डर के ऐसे फैसले को सपोर्ट नहीं किया। ऐसा क्यों? दरअसल, यहां तक माना जाता है कि अगर टेस्ट क्रिकेट में कोई एक रिकॉर्ड टूटने लायक है, तो वह लारा का टॉप स्कोर का रिकॉर्ड है। लारा के 400* रन का अगर पोस्टमार्टम करें तो कुछ बड़े मजेदार और अजीब फैक्ट सामने आते हैं:

* लारा ने 582 गेंद खेलीं, लगभग 7 सैशन बल्लेबाजी की और इतना लंबा खेले कि अपनी टीम की जीत की हर उम्मीद को खत्म कर दिया। इसलिए इसे सिर्फ़ रिकॉर्ड के लिए बल्लेबाजी की एक बेहतरीन मिसाल गिनते हैं। 

* वे कप्तान थे और चार टेस्ट की सीरीज़ के पहले तीन टेस्ट में हार के बाद, कुछ तो तसल्ली देने वाली जीत का ये बड़ा अच्छा मौका था। इंग्लैंड ने 1967-68 के बाद से वेस्टइंडीज में कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती थी, लेकिन इस बार 12 दिन के खेल में ही 3-0 से आगे हो गए।

* उनके 400* से ऐसा लगेगा कि तब वे शानदार फॉर्म में थे पर सच ये कि सीरीज के दौरान जूझते ही रहे: 83 की औसत से कुल 500 रन यानि कि पहले 3 टेस्ट की 6 पारी में सिर्फ़ 100 रन और ये तीनों टेस्ट उनकी टीम हार गई। वेस्टइंडीज़ दो पारी में सिर्फ 47 और 94 रन पर भी आउट हुई। लारा बुरी तरह नाकामयाब रहे और पहली बार, लगातार दो बार 0 पर आउट हुए, टॉप स्कोर सिर्फ 36 रन, हर्मिसन ने उन्हें तीन बार और बाकी गेंदबाजों ने एक-एक बार आउट किया।

* एंटीगा की पिच तो वैसे भी बेजान ही है और इसे बल्लेबाजों की पिच कहते हैं। इस तरह पिच ने उन्हें कतई मुश्किल में नहीं डाला और टेस्ट में कुल 1458 रन बने 20 विकेट की कीमत पर। इंग्लैंड के कप्तान माइकल वॉन ने अपनी किताब 'कॉलिंग द शॉट्स (Calling the Shots)' में रिक्रिएशन ग्राउंड की पिच के बारे में लिखा: 'वेस्टइंडीज ने ऐसी पिच बनाई थी जो सिर्फ हमारे वाइटवॉश को रोकने के लिए थी। उस पर अगर दस टन का स्टीमरोलर भी, हज़ार बार भी चला देते, तो भी कुछ न मिलता।' 

* रिकॉर्ड के लिए सब कुछ सही मिला और तभी ये बना। यहां तक कि इंग्लैंड के गेंदबाज भी चोटों से जूझ रहे थे: नंबर 1 स्पिनर एश्ले जाइल्स की जगह बैटी खेले; हॉगर्ड 18 ओवर के बाद बीमार पड़ गए और स्टीव हार्मिसन को पिच पर दौड़ने के कारण गेंदबाजी करने से रोक दिया (हालांकि तब लारा 359 पर थे)।

* किस्मत भी उनके साथ थी। जब खाता भी नहीं खोला था तो हर्मिसन की गेंद पर उनके ड्राइव से गेंद सीधी विकेटकीपर गेरेंट जोन्स के पास गई पर अंपायर ने आउट न दिया। गैरेथ बैटी याद करते हैं, 'मैं पॉइंट पर था और मुझे पूरा यकीन है कि हर्मिसन की उस गेंद ने उन्हें आउट कर दिया था।' इंग्लैंड के विकेटकीपर और स्लिप ने भी दावा किया कि लारा 0 पर आउट थे। वेस्टइंडीज के मशहूर कमेंटेटर टोनी कोजियर इसे नहीं मानते और न ही ऑस्ट्रेलियाई अंपायर डेरेल हेयर ने माना। 

अगर मुल्डर उस दिन 34 रन और बनाते तो इससे दक्षिण अफ्रीका की टेस्ट जीतने की उम्मीद पर कोई असर नहीं पड़ता क्योंकि ये टेस्ट के दूसरे दिन की बात है जबकि लारा तो तीसरे दिन तक बल्लेबाजी करते रहे थे। मुल्डर के सामने जिम्बाब्वे की वह टीम थी जिनका अटैक बड़े साधारण दर्जे का है। तब भी मुल्डर ने अपने गेंदबाजों को 20 विकेट लेने के लिए पूरा समय देने पर ज्यादा ध्यान दिया। 

वॉन ने तो ये भी लिखा, 'उन्होंने (लारा) तो वास्तव में हम पर एहसान किया क्योंकि अगर वह मैच जीतना चाहते तो बहुत पहले ही पारी घोषित कर देते।' उस समय ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग तो और भी साफ बोले: 'उनका पूरा ध्यान सिर्फ अपने व्यक्तिगत रिकॉर्ड पर था। ऑस्ट्रेलियाई टीम इस तरह नहीं खेलती।'

बहरहाल मुल्डर ने वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज लारा को एक टेस्ट पारी में 400 बनाने वाला एकमात्र खिलाड़ी ही बने रहने दिया और उन्हें इसका कोई पछतावा नहीं है। कई जानकार तो लारा के 400* को टेस्ट क्रिकेट में अब तक की सबसे स्वार्थी पारी मानते हैं। ऊपर लिखे फैक्ट इसी को सपोर्ट करते हैं पर ये भी सोचने वाली बात है: 

1. उस सीज़न में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज ने एक-दूसरे के विरुद्ध 8 टेस्ट खेले। इंग्लैंड ने 7 जीते और लारा के 400* रन ने इंग्लैंड को वह एक टेस्ट जीतने से रोका था। तब वेस्टइंडीज के पास इंग्लैंड के 20 विकेट लेने के योग्य गेंदबाजी ही नहीं थी। लारा ने कम से कम एक हार को बचाया। 

2. आगे के खेल से ये साबित भी हो गया कि अगर लारा तब हेडन का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ने से पहले ही रुक जाते तो भी वेस्टइंडीज को जीत नहीं मिलती। 

जब लारा ने रिकॉर्ड बनाया तो एंटीगा के पीएम बाल्डविन स्पेंसर तो ग्राउंड में चले गए थे और वहां उनका अभिनंदन किया, जबकि इंग्लैंड के कप्तान माइकल वॉन ने लारा की तारीफ़ करते हुए उन्हें 'सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक' बताया। 

इंग्लैंड के एक खिलाड़ी, ग्राहम थोर्प, के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड ये है कि वे लारा की दोनों मैराथन, 375 और 400* पारी के दौरान पूरे समय ग्राउंड पर मौजूद रहे और बाद में अपनी ऑटोबायोग्राफी 'राइजिंग फ्रॉम द एशेज (Rising from the Ashes) में लिखा,'जिन सबसे अच्छे बल्लेबाज के साथ या विरुद्ध मैं खेला जैसे कि सचिन तेंदुलकर, स्टीव वॉ और रिकी पोंटिंग, वे उन सभी से बेहतर थे।'

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चरनपाल सिंह सोबती 

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