'दर्द के चलते सोते वक्त करवट नहीं बदल पा रहा हूं', भारत की नई 'दीवार' चेतेश्वर पुजारा ने बयां की तकलीफ
टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में 2-1 से बॉर्डर-गावस्कर सीरीज जीतकर इतिहास रच दिया है। टीम इंडिया ने गाबा के मैदान पर 328 रनों का पीछा करके सभी को चौंका दिया था। गाबा के मैदान पर 32 साल बाद मिली इस जीत में चेतेश्वर पुजारा का अहम योगदान रहा था। चेतेश्वर पुजारा दीवार बनकर डटे रहे और टीम इंडिया को जीत दिला दी।
चेतेश्वर पुजारा ने टेस्ट मैच के पांचवे दिन 211 गेंदों का सामना करते हुए 56 रन बनाए। चेतेश्वर पुजारा की इस पारी में गौर करने वाली बात जो रही वह था उनका धैर्य और संयम। चेतेश्वर पुजारा एक छोर पर जमे रहे और कंगारूओं की क्लास लगाते रहे। ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज पुजारा का डिफेंस तोड़ने में नाकामयाब दिखे और एक के बाद एक शॉर्ट बॉल फेंककर पुजारा को घायल कर दिया।
पुजारा ने अपने शरीर पर कई गेंदे खाई थीं और वह अभी भी दर्द में हैं। एक इंटरव्यू के दौरान पुजारा ने बताया, ' मैं ज्यादा सो नहीं पा रहा हूं। मेरी उंगली और कंधे में अभी भी दर्द है जिसके चलते मैं सोते समय करवट नहीं ले पा रहा हूं। लेकिन फिर भी मैं सुकून महसूस कर रहा हूं। कुछ अच्छा करके घर जाना हमेशा ही अच्छा एहसास दिलाता है।'
पुजारा ने आगे कहा, 'अपने शुरुआती दिनों से, मुझे पेन किलर लेने की आदत नहीं है। इसीलिए दर्द सहन करने की मेरी सीमा बहुत अधिक है। आप इतने लंबे समय तक खेलते हैं, आपको गेंद लगने की आदत हो जाती है।'
बता दें कि बल्लेबाजी मैच के दौरान हेजलवुड की तेज गेंद पुजारा के ग्लव्स पर लगी और उसके बाद बल्लेबाज का रिएक्शन देखने वाला था। पुजारा को इतनी तेज गेंद लगी थी कि उन्होंने तुरंत बल्ले को फेंक दिया और पिच पर जाकर लेट गए थे। यह दृश्य काफी भाव विभोर कर देने वाला था।