ब्रिसबेन टेस्ट बचाने के लिए CA ने उठाया बड़ा कदम, टीम इंडिया ने क्वारंटीन को लेकर जताया था विरोध

Updated: Sun, Jan 03 2021 15:36 IST
cricket australia hopes to save gabba brisbane test after india threat to boycott (Image Credit: Twitter)

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला 7 जनवरी को सिडनी के मैदान पर खेला जाएगा। उसके बाद भारतीय टीम को दौरे का आखिरी टेस्ट मैच ब्रिस्बेन के मैदान पर खेलना है।

ब्रिसबेन टेस्ट से पहले क्वारंटीन नियमों को लेकर भारतीय टीम ने विरोध जताया था जिसके बाद इस टेस्ट पर खतरे के बादल मंडराने लगे थे लेकिन अब ऐसी खबर सामने आ रही है जिसे जानने के बाद ये माना जा सकता है कि इस टेस्ट को लेकर खतरे की कोई बात नहीं है। 

सिडनी में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे है और ऐसे में भारतीय टीम चौथे टेस्ट मैच से पहले फिर से क्वारंटीन में नहीं जाना चाहती। इसलिए टीम इंडिया चाहती है कि चौथा टेस्ट मैच भी सिडनी में ही कराया जाए। हालांकि, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को उम्मीद थी कि क्वींसलैंड सरकार कोविड-19 के क्वारंटीन नियमों को लेकर थोड़ी सी ढील दे दे ताकि, भारत ब्रिस्बेन में चौथा टेस्ट खेलने को तैयार हो जाए।

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया गाबा टेस्ट को बचाने के लिए हर तरह से प्रयास करता हुआ नजर आ रहा है। इसी बीच ये खबर आ रही है कि सीए और क्वींसलैंड सरकार के बीच बातचीत के कारण खिलाड़ियों को होटल में ही ट्रेनिंग करने की सुविधा दी जाएगी। ताकि ये टेस्ट मैच सफलतापूर्वक संपंन्न हो सके।

ऐसे में खिलाड़ियों को सख्त क्वारंटीन जैसा माहौल नहीं महसूस होगा और खिलाड़ी मानसिक रूप से भी स्वस्थ और ताजा महसूस करेंगे। हालांकि, खिलाड़ी होटल उसी समय छोड़ पाएंगे जब वो ट्रेनिंग नहीं कर रहे होंगे। ब्रिसबेन के अलावा सिडनी में भी कुछ ऐसा ही माहौल देखने को मिलेगा। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने ब्रिस्बेन में एक पूरे होटल को बुक कर लिया है।

क्वींसलैंड की मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी जीननेट यंग ने रविवार को कहा, "वे उस होटल में बायो बबल रख सकते हैं क्योंकि वे मैच में अपने साथी खिलाड़ियों के साथ खेलने जा रहे हैं, इसलिए ऐसा किया जा सकता है। यह बिल्कुल ठीक है लेकिन वे होटल नहीं छोड़ सकते और वे सामान्य जगहों पर नहीं जा सकते।"

यंग ने सख्ती के साथ कहा, "यदि वे घोषित हॉटस्पॉट में रहने के बाद क्वींसलैंड आते हैं, तो उन्हें क्वारंटीन पीरियड पूरा करना होगा। इसलिए हमें उन व्यवस्थाओं को मजबूती से लागू करने की आवश्यकता है।'

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