Cricket History: कहानी टीम इंडिया के पहले टेस्ट इंटरनेशनल मुकाबले की, 93 साल पहले लॉर्ड्स में हुई थी इंग्लैंड से टक्कर
Team India Cricket History: भारत में करोड़ों की संख्या में क्रिकेटप्रेमी हैं और आप भी शायद उन्हीं में एक हो। यही वज़ह है आज इस खास आर्टिकल के जरिए हम आपको बतान वाले हैं, कहानी टीम इंडिया के पहले टेस्ट इंटरनेशनल मुकाबले की जो कि उन्होंने साल आज से 93 साल पहले इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेला।
भारत ने साल 1932 में अपना पहला टेस्ट मैच में खेला जिसमें पोरबंदर के महाराजा ने टीम का नेतृत्व किया, जबकि उनके बहनोई कुमार श्री लिंबडी टीम के उप-कप्तान थे। वो दोनों ही बहुत अच्छे क्रिकेटर नहीं थे जिस वज़ह से उन्होंने ज्यादातर मैचों में बाहर बैठने का फैसला किया। ऐसे में सीके नायडू इंग्लैंड के साथ होने वाले एकमात्र टेस्ट जो कि लॉर्ड्स में खेला जाना था और सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए भारत के कप्तान नियुक्त किए गए थे।
भारतीय खिलाड़ियों ने पूरे दौरे पर अच्छा प्रदर्शन किया और व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद नौ मैच जीते, नौ ड्रा किए और आठ मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। ये भी जान लीजिए कि उस दौर में भारतीय खिलाड़ी लगातार खेलने के आदी नहीं थे, जिस कारण इंग्लिश समर के अंत तक भारतीयों को कई चोटें भी लगीं।
हालांकि इन सब के बावजूद टीम इंडिया का ये एक प्रभावशाली प्रदर्शन था क्योंकि वो अपने कुछ महत्वपूर्ण खिलाड़ियों के बिना ही इंग्लैंड टूर करने गए थे। यहां ये जानना जरूरी है कि उस समय महात्मा गांधी की गिरफ्तारी के बाद हिंदू जिमखाना ने दौरे का बहिष्कार किया था, जिसका मतलब था कि टीम में एलपी जय, विजय मर्चेंट और चंपक मेहता जैसे खिलाड़ी नहीं थे। इसके अलावा दलीपसिंहजी और इफ्तिखार अली खान पटौदी जैसे भारतीय खिलाड़ियों ने क्रमशः ससेक्स और वॉर्सेस्टरशायर के लिए भारतीयों के खिलाफ खेला।
बात करें अगर इस टूर पर कुछ प्रभावित करने वाले भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन की तो सीएसके नायडू का नाम सबसे ऊपर आता है जिन्होंने टूर पर 1,618 रन बनाए और 65 विकेट लिए। उन्हें अपने गज़ब के प्रदर्शन के लिए विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर भी चुना गया। उनके अलावा नौमल जौमल और उनके भाई वजीर अली और नजीर अली ने भी 1,000 रन का आंकड़ा पार किया। इतना ही नहीं, भारत के तीन तेज गेंदबाज़- मोहम्मद निसार, अमर सिंह और जहांगीर खान - ने मिलकर टूर पर पूरे 235 विकेट लिए।
अब बात करते हैं भारत के सबसे ऐतिहासिक मुकाबले की जो कि उन्होंने इंग्लैंड के सामने साल 1932 में लॉर्ड्स के मैदान पर 25 जून से खेला। दिलचस्प बात यह है कि जब भारत ने 1983 में अपना पहला विश्व कप जीता था, वह भी 25 जून को लॉर्ड्स में ही था।
इस टेस्ट की शुरुआत भी शानदार रही थी। निसार ने पर्सी होम्स और हर्बर्ट सटक्लिफ को क्लीन बोल्ड किया, जबकि लाल सिंह ने फ्रैंक वूली को मुकाबले के पहले आधे घंटे के अंदर ही रन आउट कर दिया। इस समय इंग्लैंड का स्कोर 19/3 था। हालांकि इन सब के बावजूद वो अंततः 259 के स्कोर तक पहुंच गए, और भारत ने पहले दिन का अंत बिना किसी नुकसान के 30 रन पर किया।
इस समय मैच संतुलित था लेकिन इसके बाद भारत ने अपनी पकड़ खो दी। टीम इंडिया पहली इनिंग में 189 रन बनाकर ऑल आउट हुई और फिर इंग्लैंड ने अपनी दूसरी इनिंग में 8 विकेट खोते हुए 275 रन स्कोर बोर्ड पर टांगकर पारी को घोषित किया।
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यहां से भारत के सामने जीत हासिल करने के लिए 346 रनों का लक्ष्य था जिसका पीछा करते हुए तीसरे दिन के खेल के अंत तक वो अपनी दूसरी इनिंग में 187 रनों पर ऑल आउट हो गए। इस तरह इंग्लैंड ने 158 रन से ऐतिहासिक मुकाबले में जीत दर्ज की जिसमें बॉम्बे में जन्मे इंग्लैंड के कप्तान डगलस जार्डिन ने 79 और 85 रन बनाए।