क्रिकेट प्रशासकों की नियुक्ति में देरी से आईपीएल कराने में आएगी मुश्किल: गावस्कर

Updated: Sat, Jan 28 2017 16:58 IST

कोलकाता, 28 जनवरी | दुनिया के महान क्रिकेट खिलाड़ियों में शुमार भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने शनिवार को देश के शीर्ष क्रिकेट प्रशासकों की नियुक्ति में हो रहे विलंब पर चिंता जाहिर की है। गावस्कर ने कहा कि इस मामले में सुनवाई की तारीख टालना इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की तैयारियों के लिए नुकसानदेह है। गावस्कर ने यहां टाटा स्टील कोलकाता लिटरेरी मीट के दौरान कहा, "मुझे भी उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में प्रशासकों की नियुक्ति के संदर्भ में अंतिम फैसला ले लिया जाएगा, ताकि हम काम आगे बढ़ा सकें और आईपीएल की तैयारियां शुरू कर सकें। मेरे खयाल से इस संबंध में देरी से कोई मदद नहीं मिलने वाली।"

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सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार और संकट के दौर से गुजर रहे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को क्रिकेट प्रशासकों के नाम पर सुझाव देने की इजाजत दे दी। लेकिन शीर्ष अदालत ने यह भी कहा है कि 70 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति पर विचार नहीं किया जाएगा। बांग्लादेश के खिलाफ भारतीय टीम की घोषणा, कोहली कप्तान नहीं

सर्वोच्च न्यायालय ने इससे पहले एमिकस क्यूरी अनिल दीवान और गोपाल सुब्रमण्यम से प्रशासकों के नाम पर सुझाव देने को कहा था। लेकिन केंद्र सरकार और बीसीसीआई की इस दलील पर कि उन्हें भी प्रशासकों के नामों का बंद लिफाफे में सुझाव देने का अधिकार है, अदालत ने प्रशासकों के नाम की घोषणा 30 जनवरी तक के लिए टाल दी।

गावस्कर ने कहा, "सोमवार को या मंगलवार को क्रिकेट प्रशासकों के नामों की घोषणा के साथ ही उम्मीद है यह सब बंद हो जाएगा और हम आगे की तैयारी शुरू कर सकेंगे।" भारत के महानतम बल्लेबाजों में शुमार गावस्कर का मानना है कि क्रिकेट प्रशासन में सुधार के लिए गठित आर. एम. लोढ़ा समिति की कुछ सिफारिशें क्रिकेट की अच्छाई के लिए हैं और इन्हें सभी खेल संघों को अपनानी चाहिए।

गावस्कर ने कहा, "आप भले सारी सिफारिशों से सहमत न हों, लेकिन मेरा मानना है कि सुधारों की जरूरत है। इसकी जरूरत सिर्फ क्रिकेट में ही नहीं बल्कि देश के अन्य खेल संघों में भी है।" उन्होंने कहा, "इन सबके बावजूद बीसीसीआई संभवत: देश का एकमात्र ऐसा खेल संघ है, जिसके अध्यक्ष और सचिव क्रमश: हर तीन और पांच साल पर बदलते हैं।"

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