'बॉर्डर पर जवान ठंड की शिकायत करते हैं क्या?', सुनील गावस्कर ने वर्कलोड मैनेजमेंट पर लगाई फटकार
Sunil Gavaskar Slams Workload Management: भारत की इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज़ 2-2 से बराबरी पर खत्म होने के बाद सुनील गावस्कर ने खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट पर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने मोहम्मद सिराज और ऋषभ पंत को मिसाल बताते हुए कहा कि देश के लिए खेलते वक्त दर्द और थकान को भूल जाना चाहिए। गावस्कर ने वर्कलोड को ‘मेंटल चीज़’ बताते हुए इसे भारतीय क्रिकेट की डिक्शनरी से हटाने की सलाह दी।
भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का मानना है कि भारतीय क्रिकेट टीम को ‘वर्कलोड’ शब्द को हमेशा के लिए भूल जाना चाहिए। इंडिया टुडे से बातचीत में गावस्कर ने मोहम्मद सिराज और ऋषभ पंत का उदाहरण देते हुए कहा कि देश के लिए खेलते वक्त चोट या थकान की परवाह नहीं करनी चाहिए।
गावस्कर ने कहा, “मोहम्मद सिराज ने वर्कलोड वाली सोच को हमेशा के लिए गलत साबित कर दिया। 5 टेस्ट मैचों में उन्होंने लगातार 7-8 ओवर के स्पेल फेंके, क्योंकि कप्तान को उनकी जरूरत थी और देश को उनसे उम्मीद थी। वर्कलोड कोई फिजिकल चीज़ नहीं, ये दिमाग में बैठी सोच है। अगर आप इसके चक्कर में पड़ेंगे तो अपने देश के लिए कभी बेस्ट टीम मैदान पर नहीं उतार पाएंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “जब आप देश के लिए खेल रहे हों तो दर्द और तकलीफ भूल जाइए। बॉर्डर पर जवान ठंड की शिकायत करते हैं क्या? क्रिकेट में भी देश के लिए अपना सब कुछ दीजिए। ऋषभ पंत को देखिए, चौथे टेस्ट में पैर में फ्रैक्चर होने के बावजूद बैटिंग करने उतरे। यही जज़्बा चाहिए। भारत के लिए क्रिकेट खेलना सम्मान की बात है, आप 140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं, जैसा हमने मोहम्मद सिराज में देखा।”
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इस सीरीज़ में मोहम्मद सिराज एकमात्र ऐसे तेज़ गेंदबाज़ रहे जो अपनी टीम के लिए हर पारी में खेले। वहीं, पंत ने चौथे टेस्ट में चोट के बावजूद टीम के लिए योगदान दिया। भारत ने ओवल टेस्ट में 6 रन से जीत दर्ज कर इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज़ 2-2 से बराबर की।