इंग्लैंड क्रिकेट में आया भूचाल, व्हाइट बॉल कोच ने दिया इस्तीफा; ट्रेस्कोथिक की हुई एंट्री
इंग्लैंड क्रिकेट टीम को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। मैथ्यू मॉट ने तत्काल प्रभाव से इंग्लैंड पुरुष टीम के व्हाइट-बॉल हेड कोच के पद से इस्तीफा दे दिया है। मॉट को मई 2022 में चार साल के अनुबंध के लिए इंग्लैंड का हेड कोच बनाया गया था। इस दौरान उनके अंडर इंग्लिश टीम ने 2022 टी-20 वर्ल्ड कप भी जीता लेकिन उन्हीं के अंडर ये टीम अपने टी-20 वर्ल्ड कप का बचाव करने में असफल रही और 2019 में जीते हुए वर्ल्ड कप को भी 2023 संस्करण में डिफेंड नहीं कर पाई थी।
मॉट की जगह इंग्लैंड के पूर्व ओपनर मार्कस ट्रेस्कोथिक को अंतरिम कोच बनाया गया है। ट्रेस्कोथिक अभी भी इंग्लिश टीम के साथ सहायक कोच की भूमिका निभा रहे हैं। ट्रेस्कोथिक के लिए पहला असाइनमेंट सितंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ तीन टी-20I और पांच वनडे मैच होंगे। रविवार को, मॉट ने इंग्लैंड पुरुष क्रिकेट के ECB प्रबंध निदेशक रॉब की से मुलाकात की, ताकि टीम के सीमित ओवरों के प्रदर्शन में गिरावट की समीक्षा के हिस्से के रूप में पिछले नौ महीनों पर उनके विचार को समझा जा सके।
मॉट ने अपना इस्तीफा देने के बाद कहा, "मुझे इंग्लैंड पुरुष टीम को कोचिंग देने पर बेहद गर्व है। ये एक सम्मान की बात है। हमने पिछले दो वर्षों में सफलता प्राप्त करने के लिए अपना सबकुछ झोंक दिया और मुझे उस चरित्र और जुनून पर अविश्वसनीय रूप से गर्व है जो टीम ने उस अवधि के दौरान प्रदर्शित किया है, जिसमें 2022 में शानदार टी-20 वर्ल्ड कप जीत भी शामिल है।"
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा, "मैं खिलाड़ियों, प्रबंधन और ईसीबी में सभी को मेरे कार्यकाल के दौरान उनकी प्रतिबद्धता, समर्थन और कड़ी मेहनत के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं कई बेहतरीन दोस्ती और अविश्वसनीय यादों के साथ जा रहा हूं। अंत में, मैं इंग्लैंड के प्रशंसकों को धन्यवाद देना चाहूंगा, जिन्होंने हमेशा हमारा साथ दिया है और दुनिया भर में जहां भी हम गए हैं, हमें शानदार समर्थन दिया है।"
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मई 2022 में नियुक्त के बाद से मॉट ने ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, आयरलैंड, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के खिलाफ व्हाइट-बॉल सीरीज़ में इंग्लैंड को जीत दिलाई। लेकिन ऐसा लगता है कि इंग्लैंड का सबसे हालिया अभियान, जहां वो अंतिम विजेता भारत से सेमीफाइनल में टी-20 वर्ल्ड कप से बाहर हो गए थे, उसी के चलते उन्हें ये निर्णय लेना पड़ा।