वॉशिंगटन सुंदर के पिता ने चयनकर्ताओं को सुनाई खरी खोटी, बोले- 'मेरे बेटे के साथ नाइंसाफी, बाकी खिलाड़ियों को लगातार मौके'

Updated: Mon, Jul 28 2025 23:03 IST
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Washington Sundar's Father Slams Selectors: चौथे टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ शतक जमाकर भारत को हार से बचाने वाले वॉशिंगटन सुंदर को लेकर उनके पिता का बड़ा बयान सामने आया है। वॉशिंगटन सुंदर के पिता मणि सुंदर का कहना है कि चयनकर्ता उनके बेटे के साथ नाइंसाफी कर रहे हैं, जबकि बाकी खिलाड़ियों को लगातार मौके दिए जाते हैं। उन्होंने सुंदर को लगातार पांच से दस मैचों तक मौका देने की मांग की और आईपीएल टीम गुजरात टाइटंस पर भी सवाल उठाए।

ओल्ड ट्रैफर्ड में इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट की दूसरी पारी में वॉशिंगटन सुंदर के शानदार शतक (101* रन, 206 गेंद) ने टीम इंडिया को हार से बचाया। KL राहुल और शुभमन गिल के जल्दी आउट होने के बाद मुश्किल पिच पर सुंदर ने रविंद्र जडेजा के साथ 203 रन की नाबाद साझेदारी कर तीन घंटे तक इंग्लिश गेंदबाज़ों को रोके रखा और भारत के लिए ड्रॉ सुनिश्चित कराया।

लेकिन इसी दमदार पारी के बाद सुंदर के पिता मणि सुंदर ने चयनकर्ताओं पर पक्षपात का आरोप लगाया। मणि सुंदर ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, "वॉशिंगटन लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन लोग उसके प्रदर्शन को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। बाकी खिलाड़ियों को लगातार मौके मिलते हैं, लेकिन मेरे बेटे को नहीं। उसे चौथे टेस्ट की तरह नंबर 5 पर बैटिंग करनी चाहिए और लगातार पांच-दस टेस्ट में मौका मिलना चाहिए। हैरानी की बात है कि उसे इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट खेलने का मौका तक नहीं मिला।" 

उन्होंने यह भी कहा, "मेरे बेटे को सिर्फ एक-दो मैचों की नाकामी के बाद ही ड्रॉप कर दिया जाता है। यह न्यायसंगत नहीं है। 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में टर्निंग ट्रैक पर नाबाद 85 और अहमदाबाद में नाबाद 96 रन बनाए, फिर भी उसे भरोसा नहीं मिला। क्या किसी और भारतीय खिलाड़ी के साथ ऐसा हुआ है?"

सुंदर इस सीरीज़ में पहले टेस्ट से बाहर रहे, लेकिन अगले तीन टेस्ट में खेले। भले ही शुरुआती दो टेस्ट में उनका बल्ला उतना नहीं चला, लेकिन गेंदबाज़ी में उन्होंने प्रभावित किया, लॉर्ड्स टेस्ट में उन्होंने शानदार चार विकेट भी लिए।

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वॉशिंगटन के पिता ने आईपीएल टीम गुजरात टाइटंस (GT) पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "गुजरात टाइटंस में भी उसे नियमित मौका नहीं मिला। इस साल वॉशिंगटन ने टीम के 15 में से सिर्फ छह मैच ही खेले। लेकिन एलिमिनेटर में मुंबई इंडियंस के खिलाफ 48 रन (24 गेंद) बनाकर उसने अपना दम दिखाया। देखिए राजस्थान रॉयल्स यशस्वी जायसवाल को किस तरह सपोर्ट करती है, वैसे मौके सुंदर को कभी नहीं मिले, यहां तक कि घरेलू क्रिकेट में भी नहीं।"

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