बाबर आज़म के लिए गंभीर ने बोली कड़वी लेकिन सच्ची बातें, बोले- 'पर्सनल रिकॉर्ड का कोई मतलब नहीं है'

Updated: Thu, Oct 19 2023 11:25 IST
बाबर आज़म के लिए गंभीर ने बोली कड़वी लेकिन सच्ची बातें, बोले- 'पर्सनल रिकॉर्ड का कोई मतलब नहीं है' (Image Source: Google)

वनडे क्रिकेट विश्व कप 2023 में भारत के खिलाफ पाकिस्तान की हार के बाद पाकिस्तानी क्रिकेट में हाहाकार मचा हुआ है। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर्स और फैंस कप्तान बाबर आजम और उनकी टीम की जमकर आलोचना कर रहे हैं। कुछ लोगों का ये भी मानना है कि बाबर आजम धीमा खेलते हैं और उनका फोकस रिकॉर्ड्स पर रहता है। इसी कड़ी में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी गौतम गंभीर ने भी बाबर आजम को लेकर एक बयान दिया है जो शायद पाकिस्तानी कप्तान को पसंद ना आए।

गंभीर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पाकिस्तान के मैच से पहले कहा है कि बाबर आजम को क्रिकेट के प्रति अपने दृष्टिकोण में बदलाव करने की जरूरत है। स्टैट्स से ज्यादा टीम की जीत ज्यादा जरूरी है। गंभीर ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत के दौरान कहा, "मुझे लगता है कि बाबर को अपने व्यक्तित्व, अपने खेल और महत्वपूर्ण रूप से अपनी मानसिकता को बदलना होगा। पाकिस्तान में आक्रामक बल्लेबाजों का इतिहास रहा है। शाहिद अफरीदी, इमरान नजीर, सईद अनवर, आमिर सोहेल जैसे खिलाड़ी इसका उदाहरण हैं।" 

आगे बोलते हुए गंभीर ने कहा, "मौजूदा पाकिस्तानी टीम में टॉप तीन की बात करें तो हर कोई एक तरह की बल्लेबाजी करता है। अगर किसी को जिम्मेदारी लेनी है, तो वो उनका कप्तान होना चाहिए, जो नंबर 3 पर बल्लेबाजी करता है। आंकड़ों को देखने का कोई मतलब नहीं है। आप पाकिस्तान के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बन सकते हैं, लेकिन विरासत टूर्नामेंट जीतने से बनती है, व्यक्तिगत रिकॉर्ड से नहीं। वसीम अकरम ने 1992 विश्व कप फाइनल में तीन विकेट लिए थे। उन्होंने पांच विकेट भी नहीं लिए। लेकिन हर कोई इसके बारे में बात करता है क्योंकि उन्होंने विश्व कप जीता था। कोई भी 2011 के फाइनल में महेला जयवर्धने के शतक के बारे में बात नहीं करता है। हर किसी को याद है कि भारत ने मैच जीता था।"

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गौतम गंभीर ने विस्तार से अपनी बात रखी और रोहित शर्मा का उदाहरण भी दिया। गंभीर ने कहा, "टीम वैसे ही खेलती है जैसे कप्तान खेलता है। बाबर आजम और रोहित शर्मा दोनों ने अर्द्धशतक बनाए। एक ने 50 रन बनाए, दूसरे ने 80 रन बनाए। उनमें से किसी ने भी शतक नहीं बनाया, लेकिन ये दृष्टिकोण ही अंतर था। अगर पाकिस्तान 190 का पीछा कर रहा होता तो उनकी मानसिकता सिर्फ मैच जीतने की रहती, चाहे वो 35 या 40 ओवर में वहां पहुंचते।"

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