ICC इवेंट्स के वनडे फाइनल में कैसा है विराट कोहली का रिकॉर्ड ?
जब भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल मुकाबले में आमने-सामने होगी तो एक बार फिर से विराट कोहली लाइमलाइट में होंगे। इस बड़े मैच में टीम की नैय्या पार लगाने की जिम्मेदारी एक बार फिर से विराट के कंधों पर होगी। टीम इंडिया के लिए अच्छी खबर ये है कि विराट कोहली 2023 वर्ल्ज कप में शानदार फॉर्म में चल रहे हैं। कोहली के 2023 वर्ल्ड कप की 10 पारियों में 711 रन हैं जो कि किसी भी बल्लेबाज द्वारा किसी एक वर्ल्ड कप में बनाए गए सबसे ज्यादा रन हैं।
विराट वैसे तो आईसीसी इवेंट्स में कई फाइनल खेल चुके हैं लेकिन जब वनडे फॉर्मैट की बात आती है तो वो अब तक सिर्फ दो फाइनल खेल पाए हैं और आप सब इस बड़े मुकाबले से पहले जानना चाहेंगे कि उनका फाइनल में रिकॉर्ड कैसा रहा है तो चलिए आपको आईसीसी इवेंट्स में वनडे फॉर्मैट के फाइनल में उनके आंकड़े बताते हैं।
वनडे प्रारूप में आईसीसी इवेंट्स के फाइनल में कोहली के प्रदर्शन पर नजर डालें तो उन्होंने 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 49 गेंदों में 35 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली थी। फाइनल मुकाबले में 275 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही टीम इंडिया की शुरुआत खराब रही थी और वीरेंद्र सहवाग (0) और तेंदुलकर (18) लसिथ मलिंगा की गेंदों पर सस्ते में आउट हो गए थे। इसके बाद कोहली और गौतम गंभीर (122 गेंदों पर 97 रन) ने तीसरे विकेट के लिए 83 रन जोड़कर लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को आगे बढ़ाया। आखिरकार, भारत ने छह विकेट से फाइनल जीत लिया और एमएस धोनी ने 79 गेंदों में 91* रनों की कप्तान पारी खेली।
इसके बाद भारतीय टीम 2015 और वनडे 2019 वर्ल्ड कप संस्करणों के फाइनल में जगह नहीं बना सकी। इसलिए रविवार का फाइनल पुरुष वनडे वर्ल्ड कप में कोहली की दूसरी उपस्थिति होगी। इसके अलावा कोहली ने दो बार आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल भी खेला है जब 2013 में भारतीय टीम ने एमएस धोनी की अगुवाई में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। उस मुकाबले में 35 वर्षीय बल्लेबाज ने बर्मिंघम में 34 गेंदों में चार चौकों और एक छक्के की मदद से 43 रन बनाए थे। भारत ने बोर्ड पर 129/7 का स्कोर लगाया था और फिर रोमांचक मैच में इंग्लैंड को 124/8 पर रोक दिया था।
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इसके बाद जब भारत 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचा तो कोहली कप्तान थे। हालांकि, फाइनल में वो 9 गेंदों में 5 रन बनाकर मोहम्मद आमिर की गेंद पर आउट हो गए थे। भारतीय टीम 339 रन का पीछा करते हुए 30.3 ओवर में 158 रन पर सिमट गई और 180 रन से हार गई थी।