'मैं विरार का लड़का हूं और गलियों में खेलकर आया हूं', ऑस्ट्रेलिया में फेल होने के बाद ये हुआ था पृथ्वी का हाल
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बुरी तरह से फ्लॉप रहने के बाद पृथ्वी शॉ को टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया था लेकिन इस खिलाड़ी ने उसके बाद विजय हज़ारे ट्रॉफी के 2021 सीज़न में जिस तरह से रनों की बरसात की है उसने सभी आलोचकों का मुंह बंद कर दिया है।
पृथ्वी ने मौजूदा विजय हजारे सीजन में 7 मैचों में 188.50 की अविश्वसनीय औसत से 754 रन बनाए हैं जो कि विजय हज़ारे ट्रॉफी के एक सीज़न में किसी भी खिलाड़ी द्वारा बनाए गए सर्वाधिक रन हैं। लगातार अपने बल्ले से आग उगलने के बाद पृथ्वी शॉ ने एक बड़ा खुलासा किया है। शॉ ने बताया है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर फेल होने के बाद उनका क्या हाल हुआ था और वो कैसे उन परिस्थितियों से निकले थे।
पृथ्वी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा, 'पहले टेस्ट मैच से बाहर किए जाने के बाद मैं टेंशन में पड़ गया था और मैं खुद से ही सवाल पूछने लग गया था कि क्या मैं इस लेवेल पर खेलने के लायक भी हूं, पर मैं खुश भी था क्योंकि टीम अच्छा कर रही थी। वो मेरे करियर का सबसे बुरा दिन था और टीम से बाहर किए जाने के बाद मैं अपने कमरे में गया और रोने लग गया।'
आगे बात करते हुए पृथ्वी ने बताया, 'उस वक्त मैंने किसी से बात नहीं की मुझे काफी कॉल आ रहे थे लेकिन मेरा दिमाग खराब हो गया था लेकिन मैंने भारत आकर सचिन सर से बात की और उन्होंने मुझे कहा कि आप ज्यादा कुछ बदलाव नहीं कर सकते हैं मुझे सिर्फ शरीर के थोड़ा करीब खेलने की जरूरत है।'
मुंबई के इस खिलाड़ी ने आगे बोलते हुए कहा, 'मैं विरार से आता हूं और गलियों में क्रिकेट खेलकर बड़ा हुआ हूं। मैं ये भी जानता हूं कि वापसी कैसे करनी है। मैंने हमेशा हर लेवेल पर अपनी टीम को आगे रखा है चाहे वो क्लब की टीम हो या नेशनल टीम हो।'