'मुझे कोई पछतावा नहीं है', बॉल-टैम्परिंग पर डेविड वार्नर ने खोला दिल
डेविड वॉर्नर (David Warner) ने टेस्ट करियर के अंत के साथ वनडे क्रिकेट से भी संन्यास का ऐलान कर दिया है। वॉर्नर सिडनी में पाकिस्तान के खिलाफ अपने करियर का आखिरी टेस्ट मैच खेलेंगे। अपनी रिटायरमेंट का ऐलान करते हुए उन्होंने अपने करियर के उतार चढ़ावों को भी याद किया।
इस दौरान वार्नर ने खुलासा किया है कि उन्हें मार्च 2018 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान कुख्यात गेंद से छेड़छाड़ कांड (बॉल टेंपरिंग) पर कोई पछतावा नहीं है। वॉर्नर का मानना है कि बाधाओं को हराकर आगे बढ़ना किसी भी खिलाड़ी के करियर का अभिन्न अंग है। गौरतलब है कि वॉर्नर को बॉल टेंपरिंग का मास्टरमाइंड बताया जाता है। साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट में रिवर्स स्विंग कराने के लिए गेंद पर सैंडपेपर का इस्तेमाल करने वाले कैमरून बैनक्रॉफ्ट को शीर्ष स्तर के क्रिकेट से नौ महीने का प्रतिबंध झेलना पड़ा। तब कप्तान स्टीव स्मिथ और उप-कप्तान डेविड वार्नर को एक साल का प्रतिबंध झेलना पड़ा और उनकी भूमिकाएं छीन ली गईं।
सोमवार, 1 जनवरी को एक प्रेस वार्ता के दौरान बोलते हुए, वार्नर ने कहा, "उस पर, उस पूरे दौर पर और अपने पूरे करियर पर विचार करते हुए, मुझे कोई पछतावा नहीं है। आपके सामने बहुत सारी बाधाएं आएंगी, जिन पर आपको कूदना होगा लेकिन आपको आगे बढ़ना होगा और मैंने इसे गरिमा के साथ किया है। मुझमें खेल के प्रति बहुत जुनून है और मेरे दृष्टिकोण से ये महत्वपूर्ण था ना केवल सम्मान वापस हासिल करना, बल्कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को पहले स्थान पर रखना।"
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आगे बोलते हुए वॉर्नर ने कहा, "जब मैंने अफ्रीका छोड़ा तो पहले पांच या छह लोग जो मेरे पास आए, वो पुजारी थे और उन्होंने मुझे एक कार्ड दिया। उसके बाद हम छुट्टियों पर सिंगापुर चले गए और वहां एक बड़ा चर्च सम्मेलन हुआ और फिर मैं वापस बैठ गया और पत्नी कैंडिस से बात की और कहा 'कोई हमें स्पष्ट रूप से देख रहा है।' वहां से वापस जाकर ग्रेड क्रिकेट खेलने, क्रिकेट समुदाय के उस विश्वास को वापस समझने की ताकत बढ़ी।"