धर्मशाला वन डे: एतेहासिक मुकाबले में टीम इंडिया को मिली "विराट जीत"

Updated: Sun, Oct 16 2016 21:48 IST

धर्मशाला, 16 अक्टूबर (CRICKETNMORE)| अपने 900वें इंटरनेशनल वन डे में भारतीय टीम ने विराट कोहली (नाबाद 85) की नायाब पारी की बदौलत रविवार को धर्मशाला स्थित हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) स्टेडियम में हुए पहले वन डे मैच में न्यूजीलैंड को छह विकेट से हरा दिया। भारत ने 191 रनों के औसत लक्ष्य का पीछा करते हुए 43.1 ओवरों में चार विकेट खोकर 194 रन बनाए और 101 गेंद शेष रहते लक्ष्य हासिल कर लिया।

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हालांकि भारत के लिए जीत की आधारशिला तेज गेंदबाजों ने रखी। पदार्पण मैच खेल रहे हार्दिक पांड्या को मैन ऑफ द मैच चुना गया। उन्होंने न्यूजीलैंड के तीन शीर्ष बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखा किवी टीम की रीढ़ तोड़ने का काम किया, जिसमें उमेश यादव ने उनका भरपूर साथ दिया।

हार्दिक (31/3) सहित अपने गेंदबाजों की अनुशासित गेंदबाजी की बदौलत भारत ने पांच मैचों की श्रृंखला के पहले मैच में किवी टीम की पारी 43.5 ओवरों में मात्र 190 रनों पर समेट दी।

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आसान लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत कभी भी हड़बड़ी या परेशानी में नजर नहीं आया। सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (14) ने अजिंक्य रहाणे (33) के साथ 49 रनों की साझेदारी कर लक्ष्य के अनुकूल शुरुआत दिलाई।

रहाणे अच्छी फॉर्म में नजर आ रहे थे। हालांकि वे 34 गेंदों की अपनी पारी को और संवार नहीं सके। उन्होंने चार चौके और दो छक्के भी लगाए।करियर के सुनहरे दौर से गुजर रहे कोहली हालांकि एक छोर पर दमदार बल्लेबाजी करते रहे। मनीष पांडेय (17) भी थोड़ी देर ही कोहली का साथ दे सके।

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मनीष के जाने के बाद मैदान पर भारत के दोनों कप्तान महेंद्र सिंह धौनी (21) और कोहली ने जिम्मेदारी संभाली। दोनों कप्तानों ने चौथे विकेट के लिए 60 रनों की साझेदारी निभाई। यह साझेदारी 6.54 के औसत से आई। 24 गेंदों पर एक चौका और एक छक्का जमा चुके धौनी शानदार लय में दिख रहे थे, लेकिन दुर्भाग्यशाली ढंग से रन आउट हो पवेलियन लौटे।

धोनी का विकेट 162 के स्कोर पर गिरा। हालांकि इसके बाद कोहली ने केदार जाधव (नाबाद 10) के साथ टीम को जीत दिलाई। कोहली अंत तक नाबाद रहे। उन्होंने इस दौरान 81 गेंदों का सामना किया और नौ चौके तथा एक छक्का जड़ा।

दिन-रात के मैच में लक्ष्य का पीछा करते हुए कोहली ने 70वीं पारी में 32वां अर्धशतक लगाया। इस मामले में वह सिर्फ महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से पीछे हैं। तेंदुलकर ने 70 पारियों में 34 अर्धशतक लगाए हैं।

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इससे पहले, भारतीय गेंदबाजों ने अपने कप्तान के गेंदबाजी चुनने के फैसले को सही ठहराते हुए न्यूजीलैंड को शुरू से ही बैकफुट पर धकेल दिया।

हार्दिक ने अपने पहले ही ओवर में सलामी बल्लेबाज मार्टिन गुप्टिल (12) को पवेलियन की राह दिखा दी। गुप्टिल मैच के इस दूसरे ओवर में पांड्या को तीन चौके जड़ चुके थे, लेकिन ओवर की आखिरी गेंद ने उनके बल्ले का मोटा बाहरी किनारा लिया सेकेंड स्लिप पर खड़े रोहित शर्मा के हाथों लपके गए।

यहां से जैसे विकेटों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया। उमेश यादव ने पांचवें और सातवें ओवर में क्रमश: कप्तान केन विलियमसन (3) और रॉस टेलर के विकेट चटका दिए। विलियमसनो कैच अमित मिश्रा ने लपका, जबकि टेलर विकेट के पीछे धौनी के हाथों लपके गए।

टेलर खाता खोले बगैर लौटे। भारत दौरे पर वह तीसरी बार शून्य के निजी योग पर आउट हुए।

छह महीने बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी करने वाले विस्फोटक बल्लेबाज कोरी एंडरसन को हार्दिक ने अपना दूसरा शिकार बनाया, जबकि ल्यूक रोंची, हार्दिक के अगले ही ओवर में खाता खोले बगैर लपक लिए गए।

एंडरसन और रोंची के विकेट जैसे एकदूसरे के रीप्ले थे। दोनों को उमेश यादव ने एक ही पोजिशन में लपका। अब तक किवी टीम 12.1 ओवरों में 48 रन पर पांच विकेट गंवा चुकी थी।

यहां से जिम्मी नीशम (10) ने थोड़ा संभलकर खेलना शुरू किया और टीम को स्थिरता प्रदान करने की कोशिश की, हालांकि उनका प्रयास ज्यादा देर कामयाब नहीं हो सका। अपना आठवां ओडीआई खेल रहे केदार जाधव को पहली बार गेंदबाजी का मौका मिला।

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जाधव ने अपने दूसरे ओवर में लगातार दो गेंदों पर नीशम और मिशेल सैंटनर को पवेलियन की राह दिखाई और इंटरनेशनल वन डे में अपने विकेटों का खाता खोला।

65 के कुल योग पर सात विकेट गंवा चुकी किवी टीम पर भारत के खिलाफ न्यूनतम स्कोर का खतरा मंडराने लगा था। न्यूजीलैंड का भारत के खिलाफ न्यूनतम स्कोर का रिकॉर्ड 103 रन का है, जो उसने 10 दिसंबर, 2010 को चेन्नई में बनाए थे।

हालांकि एक छोर संभालकर खड़े लाथम को डग ब्रेसवेल (15) का साथ मिला। ब्रेसवेल ने संयमभरी पारी खेली और लाथम के साथ 41 रन जोड़कर अपनी टीम का स्कोर 100 के पार ले गए।

अब विकेट चटकाने की पारी स्पिन गेंदबाज अमित की थी। उन्होंने ब्रेसवेल को अजिंक्य रहाणे के हाथों कैच कराया। चोट के कारण कुछ समय से टीम से बाहर चल रहे टिम साउदी इसके बाद लाथम का साथ देने उतरे। साउदी पर जैसे पिछले विकेटों का कोई असर ही नहीं नजर आया और उन्होंने खुलकर शॉट लगाए।

साउदी ने शुरुआत तो धैर्यपूर्वक किया और 12 गेंदों पर दो रन के निजी योग पर उन्हें जीवनदान भी मिला। लेकिन जीवनदान मिलने के साथ ही जैसे वे आक्रामक हो उठे। इसी ओवर की आखिरी दो गेंदों पर उन्होंने दो चौके जड़ डाले।

इसके बाद ऐसा कोई ओवर नहीं गया जिसमें साउदी ने बाउंड्री न हासिल की हो और 40 गेंदों में अपना पहला अर्धशतक पूरा किया। इसके साथ ही वह 10वें क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक जड़ने वाले न्यूजीलैंड के पहले बल्लेबाज बने।

हालांकि अर्धशतक पूरा करने के बाद अमित मिश्रा के अगले ही ओवर में वह आउट हो गए। साउदी ने 45 गेंदों की अपनी तेज-तर्रार पारी में छह चौके और तीन छक्के लगाए। उन्होंने लाथम के साथ नौवें विकेट के लिए 7.34 के औसत से 71 रन जोड़े।

एक छोर संभालकर खड़े लाथम हालांकि अपनी टीम को पूरे 50 ओवरों तक खड़ा रख पाते, इससे पहले ही ईश सोढ़ी (1) उनका साथ छोड़कर चले गए। 98 गेंदों पर नौ चौके और एक छक्का लगाने वाले लाथम न्यूजीलैंड के 10वें ऐसे सलामी बल्लेबाज बने जो अंत तक नाबाद रहे।

हार्दिक के अलावा अमित ने भी तीन विकेट हासिल किए, जबकि उमेश और केदार ने दो-दो विकेट चटकाए।

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