'गौतम गंभीर पाखंडी है', गंभीर के सालों पुराने दुश्मन ने फिर उगला ज़हर

Updated: Thu, Jan 09 2025 16:08 IST
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इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) को तीन बार चैंपियन बनाने वाले कप्तान और मेंटर गौतम गंभीर इस समय भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच हैं लेकिन वो अभी तक के अपने कार्यकाल में बुरी तरह से फ्लॉप रहे हैं। हाल ही में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया से भी उनकी अगुवाई में भारत को 3-1 से हार का मुंह देखना पड़ा जिसके बाद उनकी काफी आलोचना हो रही है।

इसी कड़ी में पूर्व क्रिकेटर और केकेआर के उनके साथी मनोज तिवारी ने गौतम गंभीर को आड़े हाथों लेते हुए उन्हें पाखंडी तक कहा है। गंभीर की कोचिंग में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार से पहले भारत ने श्रीलंका में वनडे सीरीज गंवा दी थी और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में भी शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था।

नतीजतन, तिवारी ने कहा कि गंभीर ने उस तरह की कोचिंग नहीं दिखाई जिसकी उम्मीद थी। उन्होंने गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल और सहायक कोच अभिषेक नायर की नियुक्तियों की भी आलोचना की। तिवारी ने न्यूज18 बांग्ला से कहा, "गौतम गंभीर पाखंडी हैं। वो जो कहते हैं, वो नहीं करते। कप्तान (रोहित) मुंबई से हैं और अभिषेक नायर मुंबई से हैं। रोहित को आगे कर दिया गया है। जलज सक्सेना के लिए बोलने वाला कोई नहीं है। वो अच्छा प्रदर्शन करता है, लेकिन चुप रहता है।" 

आगे बोलते हुए तिवारी ने कहा, "गेंदबाजी कोच का क्या फायदा? कोच जो भी कहेगा, वो मान जाएगा। मोर्ने मोर्कल लखनऊ सुपर जायंट्स से आए थे। अभिषेक नायर कोलकाता नाइट राइडर्स में गंभीर के साथ थे और भारतीय मुख्य कोच जानते हैं कि वो उनके निर्देशों के खिलाफ नहीं जाएंगे। वो एक साथ कैसे काम करेंगे? रोहित वर्ल्ड कप विजेता कप्तान हैं जबकि गंभीर ने कप्तान और संरक्षक दोनों के रूप में केकेआर को आईपीएल खिताब दिलाया। गंभीर ने केकेआर को अकेले खिताब नहीं दिलाया क्योंकि हम सभी ने एक इकाई के रूप में प्रदर्शन किया। जैक्स कैलिस, सुनील नारायण और मैंने, सभी ने इसमें योगदान दिया। लेकिन इसका श्रेय किसने लिया? एक ऐसा माहौल और पीआर है जो उसे सारा श्रेय लेने की अनुमति देता है।"

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वहीं, तिवारी के इस बयान के बाद केकेआर के नितिश राणा ने भी गंभीर को अपना समर्थन देते हुए ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "आलोचना तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए न कि व्यक्तिगत असुरक्षाओं पर। गौती भैया उन सबसे निस्वार्थ खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्हें मैंने कभी देखा है। वो संकट के समय में किसी अन्य की तरह जिम्मेदारी उठाते हैं। प्रदर्शन को किसी पीआर की आवश्यकता नहीं है। ट्रॉफी खुद ही सब कुछ बयां कर देती हैं।"

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