Jaydev Unadkat: 'कद्दू उसे भारत के लिए नहीं चुना जाएगा, हम 21, 22 या 23 साल के खिलाड़ी को चुनेंगे'
31 साल के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ने विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन कर अपनी टीम को खिताब जितवा दिया है। सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट ने ना केवल अपनी गेंदबाजी से छाप छोड़ी बल्कि कप्तानी में भी उनका प्रदर्शन जानदार रहा। जयदेव उनादकट 10 मैचों में 19 विकेट झटककर टॉप के गेंदबाज रहे। ऐसा पहली बार नहीं है कि जयदेव उनादकट ने घरेलू टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर सबका ध्यान खींचा हो। इससे पहले भी जयदेव उनादकट घरेलू क्रिकेट में दमदार परफॉर्मेंस दे चुके हैं।
जयदेव उनादकट को शानदार प्रदर्शन के बावजूद कभी भी टीम इंडिया में उतने मौके नहीं मिले जितना वो हकदार थे। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि घरेलू क्रिकेट में इतना ज्यादा सफल गेंदबाज जयदेव उनादकट ने भारत के लिए केवल 1 टेस्ट, 7 वनडे और 10 टी20 मैच खेले हैं।
जयदेव उनादकट ने कई बार इसी तरह की परफॉर्मेंस से टीम इंडिया का दरवाजा खटखटाया लेकिन उनकी परफॉर्मेंस को दरकिनार कर उन्हें इग्नोर ही किया जा रहा है। बीते दिनों एक इंटरव्यू के दौरान पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज करसन घावरी, जो सौराष्ट्र के कोच रह चुके हैं उन्होंने कहा था, 'मैंने चयनकर्ता से पूछा था कि अगर कोई गेंदबाज 60 से अधिक विकेट लेता है और अपनी टीम को रणजी ट्रॉफी के फाइनल में अकेले के दम पर ले जाता है, तो क्या उसे कम से कम भारत ए के लिए नहीं चुना जाना चाहिए?'
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इसका उन्हें जवाब मिला, 'कद्दू भाई, उसे अब भारत के लिए नहीं चुना जाएगा। जब हम 30 खिलाड़ियों के बारे में सोचते हैं तब भी हम उसके नाम पर विचार तक नहीं करते हैं। हम बुजुर्ग खिलाड़ी में निवेश क्यों करें? हम इसके बजाय 21, 22 या 23 साल के खिलाड़ी को चुनेंगे यदि वह अच्छा है, तो वह 8-10-12 साल तक भारत के लिए खेलेगा। अगर हम आज जयदेव उनादकट को चुनते हैं, तो वह कितने साल तक भारत के लिए खेलेगा?'