क्या 8 साल बाद होगी करुण नायर की वापसी ? चैंपियंस ट्रॉफी से पहले 664 की औसत से बना रहे हैं रन

Updated: Mon, Jan 13 2025 09:55 IST
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अगले महीने होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम का ऐलान बस कुछ ही दिनों में होने वाला है ऐसे में हर भारतीय फैन की निगाहें भारतीय टीम के सेलेक्शन पर हैं। इस बीच एक नाम ऐसा भी है जिसने 8 साल बाद भारतीय क्रिकेट फैंस और सेलेक्टर्स का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है और वो नाम है करुण नायर, जो इन दिनों जबरदस्त फॉर्म में हैं।

भारत के लिए छह टेस्ट और दो वनडे खेल चुके 33 वर्षीय दाएं हाथ के बल्लेबाज ने विदर्भ के लिए चल रहे विजय हजारे ट्रॉफी के 2024-25 संस्करण के सात मैचों में 664 रन बना दिए हैं। नायर, जिन्होंने भारत के लिए आखिरी बार मार्च 2017 में धर्मशाला के एचपीसीए स्टेडियम में एक टेस्ट मैच के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था, ने रविवार (12 जनवरी) को टूर्नामेंट में लगातार चौथा और कुल मिलाकर पांचवां शतक जड़कर ना सिर्फ कई रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए बल्कि सेलेक्टर्स का ध्यान भी अपनी ओर खींच लिया।

करुण नायर ने अब विजय हजारे ट्रॉफी के एक संस्करण में सबसे ज्यादा शतक लगाने के एन जगदीशन के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। घरेलू टीम के लिए हाल के मैचों में बल्ले से नायर के धमाकेदार प्रदर्शन ने उन्हें राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के रडार पर ला दिया है और चैंपियंस ट्रॉफी से पहले इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम मे बुलाया जा सकता है।

नायर, जिन्होंने पिछले आठ सालों से भारत के लिए नहीं खेला है, अभी भी राष्ट्रीय टीम में वापसी को लेकर आशान्वित हैं। उनका विजय हजारे ट्रॉफी में मौजूदा औसत 664 का है और वो जिस लय में खेल रहे हैं ऐसा लग रहा है कि वो किसी मिशन पर हैं और शायद क्रिकेट ने उन्हें एक और मौका देने का मन बना लिया है। 

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इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए नायर ने कहा, “हर कोई अपने देश के लिए खेलना चाहता है और मैं भी इससे अलग नहीं हूं। मैं फिर से टेस्ट मैच खेलना पसंद करूंगा और इसके लिए मुझे पता है कि मुझे अपना काम बार-बार करते रहना होगा। मुझे नहीं पता कि मैं ये कैसे करता हूं। मुझे लगता है कि इसका एक बड़ा कारण एक बार में एक मैच खेलना और पिछली पारी से आगे बढ़ना है। अपने पूरे करियर में मैं इस तरह से भाग्यशाली रहा हूं। उस समय, मुझे क्रिकेट खेलने की याद आती थी; मैं बस बल्लेबाजी करने का इंतजार कर रहा था और अब मैं यही कर रहा हूं। जब आप छह-सात महीने बाहर बैठते हैं, तो आपको पता चलता है कि आप क्या खो रहे हैं और मेरे साथ, ये सिर्फ बल्लेबाजी थी। ये निश्चित रूप से मेरे अच्छे दौर में से एक है।"

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