आईपीएल सट्टेबाजी: मुद्गल समिति ने लोढ़ा समिति के फैसले को सही बताया
नई दिल्ली, 14 जुलाई(Cricketnmore) | आईपीएल के छठे संस्करण से जुड़े सट्टेबाजी मामले की शुरूआती जांज करने वाली सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मुद्गल समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल ने इस फैसले को सही ठहराया है। गौरतलब है कि इस मामले की जांच के लिए गठित मुद्गल समिति की रिपोर्ट के अधार पर सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और चेन्नई सुपर किग्स का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी इंडिया सीमेंट्स के मालिक श्रीनिवासन के दमाद मयय्पन और राजस्थान रॉयल्स के सहमालिक राज कुंद्रा दोषी करार दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मयय्पन और कुंद्रा के साथ उनकी फ्रेंचाईजियों के लिए सजा निर्धारित के लिए 22 जनवरी को पूर्व प्रधान न्यायधीश न्यायमूर्ति आरएम. लोढ़ा, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अशोक भान और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर. रवींद्रन की सदस्यता वाली एक समिति गठित की थी।
इस समिति ने मंगलवार चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स टीमों को आइपीएल में से दो साल के लिए सस्पेंड कर दिया है। साथ ही समिति ने मयप्पन और कुंद्रा पर आजीवन प्रतिबंध लगाने का फैसला भी सुनाया।
लोढ़ा समिति का फैसला आने के बाद मुदगल ने कहा, "यह एक कड़ी सजा है और उचित है। इससे क्रिकेट को साफ बनाने में मदद मिलेगी और इसका फायदा लम्बे समय तक दिखेगा। इस फैसले के बाद क्रिकेट पर लोगों का विश्वास फिर से लौट आएगा।
मयप्पन सीएसके के पूर्व टीम अधिकारी हैं और राज कुंद्रा राजस्थान रॉयल्स टीम के पूर्व सहमालिक हैं। समिति ने कहा कि कुंद्रा और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन के खिलाफ सुनाई गई सजा तत्काल प्रभाव से मान्य मानी जाएगी।
समिति ने यह भी कहा कि इन दो फ्रेंचाइजी टीमों से जुड़े खिलाड़ी आईपीएल के आने वाले सीजन के लिए अपनी मनमर्जी से किसी भी टीम के साथ करार कर सकते हैं।