रोहित शर्मा को नहीं मिला टेस्ट में फेयरवेल, BCCI पर भड़के मनोज तिवारी
रोहित शर्मा ने टेस्ट फॉर्मैट से अचानक संन्यास लेकर हर क्रिकेट फैन को हैरान कर दिया। उनके इस फैसले से फैंस के मन में एक टीस ये भी रह गई कि उन्हें फेयरवेल नहीं मिला। इसी कड़ी में भारत के पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी का मानना है कि 38 वर्षीय कप्तान, जिन्होंने सभी प्रारूपों में भारतीय क्रिकेट की सेवा की है, को सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए नहीं, बल्कि मैदान पर उचित विदाई दी जानी चाहिए थी।
तिवारी ने क्रिकबज़ से बात करते हुए कहा, "अगर रोहित शर्मा सोशल मीडिया पर नहीं बल्कि खेलने के बाद मैदान पर संन्यास लेते, तो ये ज़्यादा उचित विदाई होती। हम सभी के लिए भी ये बेहतर होता। एक टेस्ट कप्तान के तौर पर उनके रिकॉर्ड को देखें ये बहुत अच्छा है। उन्होंने 12 टेस्ट जीते हैं, 9 हारे हैं और 3 ड्रॉ किए हैं। इसलिए उनकी सफलता दर पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए।"
गौरतलब है कि रोहित ने 20 जून से शुरू होने वाले भारत के इंग्लैंड के पांच टेस्ट मैचों के दौरे से कुछ ही हफ्ते पहले ही सबसे लंबे प्रारूप से संन्यास की घोषणा कर दी। रोहित वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप शुरू होने के बाद से भारत के सबसे सफल बल्लेबाज़ थे, जिन्होंने 67 टेस्ट में 12 शतकों और 18 अर्धशतकों के साथ 40.57 की औसत से 4301 रन बनाए। 2023 में भारत को वर्ल्ड कप खिताब दिलाने के बाद पहले ही टी-20 से दूर हो चुके रोहित अब केवल वनडे प्रारूप में ही नज़र आएंगे, जहां वो टीम की कप्तानी करना जारी रखेंगे।
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बता दें कि रोहित ने चार आईसीसी फ़ाइनल में टीम इंडिया का नेतृत्व किया और उनमें से दो में जीत हासिल की। वनडे में 11,000 से अधिक रन और 32 शतकों के साथ, 50 ओवर के प्रारूप में वो टीम इंडिया के स्टार परफॉर्मर्स में से एक रहे। रोहित के लंबे समय तक घरेलू टीम के साथी रहे तिवारी ने उनकी नेतृत्व क्षमता और ड्रेसिंग रूम में उनके सम्मान की प्रशंसा की। तिवारी ने कहा, "वो लड़कों के इस ग्रुप के बीच बहुत लोकप्रिय लीडर थे। अगर आप देखें, तो युवा खिलाड़ी भी उनके नेतृत्व में खेलना चाहते थे। हम हमेशा उन्हें अपने इंटरव्यू में कहते हुए सुनते हैं, "मुझे रोहित शर्मा की कप्तानी में खेलना वाकई बहुत अच्छा लगा।"