'जब खुद को ही गालियां देने लगे थे सिराज', नई किताब ने खोले कई राज़
लॉर्ड्स टेस्ट में टीम इंडिया की जीत के हीरो रहे मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) का नाम इस समय हर किसी की ज़ुबान पर है। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में इस खिलाड़ी ने अपनी शानदार गेंदबाजी से इतिहास रच दिया। सिराज ने इस मुकाबले में 126 रन देकर 8 विकेट हासिल किए। जो लॉर्ड्स के मैदान पर एक टेस्ट में एक भारतीय गेंदबाज द्वारा किया गया बेस्ट प्रदर्शन है।
सिराज ने ना सिर्फ इस टेस्ट में बल्कि पिछले कुछ टेस्ट मुकाबलों में जिस अंदाज़ में गेंदबाज़ी की है ये दिखाता है कि वो एक लंबी रेस के घोड़े हैं। हालांकि, सिराज को इस मुकाम तक पहुंचने में बहुत दुख और तकलीफों का भी सामना करना पड़ा है। सिराज की ज़िंदगी में एक पल ऐसा भी आया था जब वो खुद को ही गालियां देने लगे थे।
भारतीय क्रिकेट पर बोरिया मजूमदार और कुशान सरकार द्वारा लिखी गई नई किताब ‘मिशन डॉमिनेशन: ऐन अनफिनिशड क्वेस्ट’ में एक किस्से का ज़िक्र किया गया है, जो ऑस्ट्रेलियाई दौरे से जुड़ा है और इस दौरे पर सिराज जब डेब्यू में कुछ नहीं कर पा रहे थे तो वो खुद को गालियां दे रहे थे।
भारत के लिए टेस्ट डेब्यू करने से पहले सिराज भारत के लिए सफेद गेंद क्रिकेट खेल चुके थे लेकिन वो वहां पर कुछ खास नहीं कर पाए थे। ऐसे में जब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मेलबर्न (बॉक्सिंग टेस्ट) के दौरान उन्हें डेब्यू करने का मौका मिला, तो वो खुद से ही बातें करने लगे और अभी तक इंटरनेशनल लेवेल पर फेल होने के चलते खुद को गालियां देने लगे।
उस किताब के हवाले से सिराज कहते हैं, 'मैंने अभी तक सफेद गेंद के साथ कुछ भी नहीं किया है जबकि ये वही खिलाड़ी (ट्रेविस हेड और मार्नस लाबुशेन) हैं जिनके खिलाफ मैंने अंडर-19 क्रिकेट में अच्छा किया है तो मैं इस लेवेल पर क्यों नहीं ऐसा कर सकता। मुझे करना ही होगा क्योंकि यहां से मैं वापिस नहीं मुड़ सकता।'
फिर क्या था, खुद को ही मोटिवेट करने के बाद सिराज ने ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर 13 विकेट चटकाए और भारत की सीरीज जीत में अहम भूमिका निभाई। उस जीत के बाद सिराज कई फैंस के चहेते बन गए और आज वो करोड़ों दिलों पर राज़ कर रहे हैं।