भारत की शानदार जीत के बाद बोले रोहित शर्मा, टीम को अच्छी स्थिति में पहुंचाना चाहता था
6 अक्टूबर। बतौर सलामी बल्लेबाज पहली बार खेलते हुए यहां दक्षिण अफ्रीका के साथ खेले गए पहले टेस्ट मैच में दोनों पारियों में शतक लगाने वाले भारत के ओपनर रोहित शर्मा को मैन ऑफ द मैच चुना गया। भारत ने पहले टेस्ट में मेहमान टीम को 203 रनों से हराकर तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है।
रोहित ने इस मैच की पहली पारी में 176 और दूसरी पारी में 127 रन बनाए। दोनों पारियों में रोहित ने 13 छक्के लगाए और वसीम अकरम का एक मैच में सबसे अधिक छक्के लगाने का 23 साल पुराना रिकार्ड तोड़ा।
उन्होंने कहा कि उनका ध्यान अपने खेल का लुत्फ उठाते हुए टीम को अच्छी स्थिति में लाने पर था।
रोहित ने मैच के बाद कहा, "मैं विकेट पर जाकर अपना श्रेष्ठ देना चाहता था। मेरे लिए पारी शुरू करने एक शानदार मौका था। मैं इस मौके के लिए सबका धन्यवाद करना चाहूंगा। खासतौर पर इसलिए क्योंकि मैंने यह काम पहले नहीं किया था। हमारा ध्यान मैच जीतने पर था और हम अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहे।"
रोहित ने कहा कि कुछ साल पहले उनसे कहा गया था कि वह टेस्ट मैचों में पारी की शुरूआत कर सकते हैं और यही कारण है कि वह नेट्स पर नई गेंद से अभ्यास किया करते थे। रोहित ने इससे पहले कभी टेस्ट में ओपनिंग नहीं की थी।
32 वर्षीय रोहित ने कहा, "कुछ साल पहले मुझे यह संकेत दिया गया था। मैं शारीरिक और मानसिक तौर पर इसके लिए तैयार था। मेरे लिए यह चौंकाने वाले निर्णय नहीं था। आप चाहें लाल गेंद से खेलें या फिर सफेद से, पारी की शुरूआत में आपको सावधानी बरतनी होती है। आपको अपने बेसिक्स पर ध्यान देना होता है और अच्छी गेंदों का सम्मान करना होता है।"
सलामी बल्लेबाज ने कहा, "मेरा काम एक खास अंदाज में खेलना था और यह वही था, जो लोग मुझसे सालों से उम्मीद करते आए हैं।"
रोहित सलामी बल्लेबाज के रूप में अपने टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए हैं। इसके अलावा वह एक मैच की दोनों पारियों में शतक जड़ने वाले छठे भारतीय बन गए हैं। रोहित ने कहा कि वह आने वाले समय में भी अपना स्वाभाविक खेल जारी रखेंगे।
रोहित बोले, "इस मैच में मेरे नाम कई रिकार्ड बने। मुझे इनकी जानकारी नहीं थी। मेरा ध्यान अपने खेल को इंजॉय करने और टीम को अच्छी स्थिति में लाने पर था। मैं अपने प्रयास में सफल रहा क्योंकि मैं मानता हूं कि किस्मत भी बहादुरों का साथ देती है।"