जिसे टीम इंडिया ने ठुकराया, उस 2 टी-20 खेलने वाले खिलाड़ी ने लेजेंड बनकर इंडिया को फाइनल में पहुंचाया

Updated: Fri, Sep 30 2022 13:04 IST
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इंडिया लेजेंड्स ने ऑस्ट्रेलिया लेजेंड्स को रोड सेफ्टी वर्ल्ड कप 2022 के पहले सेमीफाइनल में 5 विकेट से हराकर लगातार दूसरी बार फाइनल में प्रवेश कर लिया है। इस मैच में भारत की जीत के हीरो रहे नमन ओझा, जिन्होंने 172 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 62 गेंदों में नाबाद 90 रन बनाए। उनकी इस तूफानी पारी ने भारत को फाइनल का टिकट दिला दिया लेकिन क्या आप लोग जानते हैं कि इंडिया लेजेंड्स के लिए खेल रहे नमन ओझा ने भारत के लिए इंटरनेशनल लेवेल पर क्या किया है? चलिए अगर नहीं भी जानते हैं तो हम आपको आज नमन ओझा के बारे में बताते हैं।

इंटरनेशनल क्रिकेट में भारत के लिए सिर्फ 4 मैच

जी हां, नमन ओझा ने भारत के लिए सिर्फ 4 इंटरनेशनल मैच खेेले हैं जिसमें 1 वनडे 1 टेस्ट और 2 टी-20 मैच शामिल हैं। सच्चाई ये है कि नमन ओझा उसी युग में दिखाई दिए जिसमें महेंद्र सिंह धोनी खुद को स्थापित कर चुके थे ऐसे में उन्हें क्या ही मौका मिलता। अपनी तेजतर्रार बल्लेबाज़ी और अच्छे प्रदर्शन के बावजूद, ओझा वास्तव में कभी भी भारत के लिए पहली पसंद के विकेट-कीपर नहीं बन सके और करीब एक दशक तक इंतजार करते रहे।

धोनी की वजह से नहीं मिले मौके

जब धोनी ने टेस्ट से संन्यास लेने का फैसला किया, तभी ओझा को टेस्ट में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला और उन्होंने 2015 में श्रीलंका के खिलाफ पदार्पण किया। आपको लग रहा होगा कि चयनकर्ताओं ने ओझा को बिल्कुल मौके नहीं दिए लेकिन ये झूठ है क्योंकि उन्हें 2005 में जिम्बाब्वे में एक त्रिकोणीय सीरीज में वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया गया था, जहां उन्होंने पारी की शुरुआत की और सिर्फ 1 रन पर आउट हो गए।

इंडिया ने खो दिया होनहार विकेटकीपर बल्लेबाज़

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वो ओझा का भारत के लिए पहला और आखिरी वनडे मैच था। उसी दौरे पर, उन्होंने दो टी20 भी खेले, लेकिन उनके प्रयास उन्हें भारतीय टीम में स्थायी स्थान दिलाने के लिए कभी भी पर्याप्त नहीं थे। खैर, जब उन्हें लगा कि टीम इंडिया के दरवाजे उनके लिए बिल्कुल बंद हो गए हैं तो उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया और अब वो लेजेंड्स टीम इंडिया के लिए जिस तरह से रन बना रहे हैं ये कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय टीम ने एक होनहार विकेटकीपर बल्लेबाज़ का टैलेंट नहीं पहचाना क्योंकि अगर ओझा को लगातार मौके दिए जाते तो वो आज जो इंडिया लेजेंड्स के लिए कर रहे हैं वो भारत की नेशनल टीम के लिए कर रहे होते।

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