'कोई भी जानबूझकर कैच नहीं छोड़ता', जसप्रीत बुमराह ने तोड़ी खराब फील्डिंग पर चुप्पी
हेडिंग्ले में इंग्लैंड और भारत के बीच खेला जा रहा पहला टेस्ट मैच फिलहाल बराबरी पर खड़ा हुआ है लेकिन अगर इस टेस्ट के तीसरे दिन भारतीय टीम आए हुए कैच पकड़ लेती तो शायद ये मैच भारत के पाले में ज्यादा होता। जसप्रीत बुमराह ने दूसरे और तीसरे दिन अपनी गेंदबाजी से काफी दबाव बनाया और कई मौके भी पैदा किए लेकिन भारतीय फील्डर खासकर यशस्वी जायसवाल आए हुए कैचों को पकड़ने में नाकाम रहे जिसका नतीजा ये रहा कि भारतीय टीम को पहली पारी के आधार पर सिर्फ 6 रन की बढ़त मिली।
टीम इंडिया की खराब फील्डिंग के बाद जब जसप्रीत बुमराह प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए आए तो उन्होंने अपने साथी खिलाड़ियों का बचाव करते हुए कहा कि कोई भी खिलाड़ी जानबूझकर कैच नहीं छोड़ता है और वो यहां पर कुछ बोलकर अपने साथियों पर कोई दबाव नहीं बनाएंगे। भारत की फील्डिंग काफी निराशाजनक रही और उन्होंने छह मौके हाथ से जाने दिए।
बुमराह ने तीसरे दिन के खेल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "जब कैच छूटते हैं, तो मैं एक पल के लिए निराश हो जाता हूं। ये खेल का एक हिस्सा है और खिलाड़ी नए हैं और बहुत मेहनत कर रहे हैं। मैं कोई सीन नहीं बनाना चाहता और उन पर अधिक दबाव नहीं डालना चाहता। कोई भी जानबूझकर ऐसा नहीं कर रहा है। इसलिए वो इस अनुभव से सीखेंगे।"
इस मैच में कैच छोड़ने के अलावा नो बॉल्स भी भारतीय टीम के लिए सिरदर्द बन गई और ज्यादातर मौकों पर बुमराह ने ही नो बॉल्स डाली। बुमराह के पास दूसरे दिन के अंतिम ओवर में ब्रूक को आउट करने का मौका भी था लेकिन बुमराह की नो बॉल के चलते ब्रूक को जीवनदान मिल गया और ब्रूक ने इस जीवनदान का फायदा उठाते हुए 99 रनों की शानदार पारी खेली और अपनी टीम को मैच में बनाए रखा।
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बुमराह ने अपनी नो बॉल्स पर बात करते हुए कहा, "जब आप ढलान पर गेंदबाजी करने के लिए दौड़ रहे होते हैं और आप थोड़े थके हुए होते हैं, तो नो बॉल हो सकती है, खासकर इसलिए क्योंकि हम भारत में सरल, सीधे मैदानों पर गेंदबाजी करने के आदी हैं।"