इंग्लैंड के क्रिकेटर Robin Smith जिंदगी में जितने नम्र, क्रीज पर उतने हिम्मती और इरादे के पक्के थे
इंग्लैंड के क्रिकेटर, रॉबिन स्मिथ (Robin Smith) का 62 साल की उम्र में देहांत हो गया। परिवार की स्टेटमेंट के हिसाब से स्मिथ का निधन उनके साउथ पर्थ अपार्टमेंट में हुआ पर मौत की वजह अभी तय नहीं हुई है।
62 टेस्ट और 71 वनडे खेले इंग्लैंड के लिए और इंटरनेशनल क्रिकेट करियर में 6655 रन बनाए जिसमें टेस्ट में 43.67 की प्रभावशाली औसत से 4236 रन शामिल हैं। 1988 से 1996 के बीच वे इंग्लैंड टेस्ट टीम के एक ख़ास क्रिकेटर थे। जो 9 टेस्ट 100 बनाए, उनमें से 3 उस वेस्टइंडीज टीम के विरुद्ध थे, जिनके पास उस वक़्त दुनिया का सबसे बेहतर पेस अटैक था। वनडे में 2419 रन बनाए और उस इंग्लैंड टीम में थे जो 1992 वर्ल्ड कप फाइनल हार गई थी।
पूरे इंग्लैंड और अन्य सभी क्रिकेट देशों में उनके निधन पर शोक के साथ ये जरूर याद किया गया कि क्रिकेट में वे अपने समय से आगे थे। इंग्लैंड के पूर्व कप्तानों और टीम के साथियों ने उन्हें अलग-अलग तरह से भावनात्मक श्रद्धांजलि दी और याद किया। दोस्त उन्हें 'जज' कहते थे (एक वक्त अपने लहराते, विग जैसे बालों के लिए)। नासिर हुसैन ने स्मिथ को उनके नम्र मिजाज के लिए उतना ही याद किया जितना क्रीज पर उनके साहस के लिए। माइक आथर्टन ने स्मिथ की कठोरता की चर्चा की, उनके उस पक्के इरादे को याद किया जो ग्राउंड पर और ग्राउंड के बाहर उनकी पहचान थे। मार्क निकोलस का मानना है कि रॉबिन स्मिथ, हैम्पशायर के सबसे महान खिलाड़ी थे - ग्राउंड के बाहर शर्मीले और भोले पर ग्राउंड पर एक प्रतिभाशाली बल्लेबाज।
इसीलिए हैरानी है कि पिछले कुछ सालों में, वह क्रिकेट के बजाय शराब की लत से जूझने के लिए खबरों में ज्यादा रहे। अपनी इस मुश्किल पर उन्होंने अपनी 2019 की ऑटोबायोग्राफी 'द जज: मोर दैन जस्ट ए गेम (The Judge: More Than Just a Game)' में भी लिखा।
1993 में बर्मिंघम में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 163 गेंद पर 167* रन बनाए जो तब पुरुष वनडे में इंग्लैंड के किसी बल्लेबाज का टॉप स्कोर थे और 23 साल तक ये रिकॉर्ड उनके नाम ही रहा। ये उन दिनों की बात है जब एक गेंद पर एक रन की बैटिंग भी बहुत कम देखने को मिलती थी। अगस्त 2016 में एलेक्स हेल्स ने उनके इस रिकॉर्ड को तोड़ा।
रॉबिन स्मिथ के बारे में कुछ और ख़ास बातें:
* जून 1983 में हैम्पशायर के लिए बोर्नमथ में लेंकशायर के विरुद्ध डेब्यू किया और उस मैच में रॉबिन और उनके भाई क्रिस दोनों ने ठीक 100 का स्कोर बनाया।
* जन्म दक्षिण अफ्रीका में हुआ था, खेले इंग्लैंड के लिए और अब पर्थ में रह रहे थे।
* 1996 में, जब उन्हें टीम से बाहर किया तब सच तो ये है कि उनका रिकॉर्ड टीम के बाकी सभी खिलाड़ियों से बेहतर था। इससे वे बड़े निराश हुए क्योंकि उन्हें लगता था कि वे अभी पांच साल और अच्छी क्रिकेट खेल सकते थे।
* 1982 से 2003 के बीच हैम्पशायर के लिए खेले और 1988 में टेस्ट डेब्यू किया। 1998 से 2002 के बीच हैम्पशायर के कप्तान रहे। इससे पहले टीम के साथ 1988 और 1992 में बेन्सन एंड हेजेस कप और 1991 में नेटवेस्ट ट्रॉफी जीते थे।
* एक वर्ल्ड क्लास बल्लेबाज थे और उनके डेब्यू और आख़िरी टेस्ट के बीच सिर्फ मार्क टेलर (5471), डेविड बून (5448) और ग्राहम गूच (4622) ने उनके 4236 से ज्यादा रन बनाए थे।
* जो 62 टेस्ट खेले उनमें से 19 उस वेस्टइंडीज के विरुद्ध थे जिनके पास तब गजब का तेज गेंदबाजी का अटैक था और उनके विरुद्ध 44.43 का जो औसत दर्ज किया वह सभी टीम के मिले-जुले 43.32 के औसत से भी ज्यादा था। 1989 की एशेज सीरीज में 553 रन बनाए।
* 1995 में वेस्टइंडीज के विरुद्ध ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में, इयान बिशप की एक शॉर्ट बॉल से उन का जबड़ा टूट गया। गेंद पीछे से उनके गाल की हड्डी में जा लगी थी। हर जगह खून ही खून था। रिटायर्ड हर्ट हो गए।
एम्बुलेंस बुलाई और हॉस्पिटल ले जाने के लिए ड्रेसिंग रूम में स्ट्रेचर लाया गया। इंग्लैंड तब जीत के लिए एक छोटे लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश कर रहा था पर गड़बड़ ये हुई कि विकेट लगातार गिर रहे थे। रॉबिन स्ट्रेचर पर थे लेकिन जीत पक्की होने तक हॉस्पिटल जाने के लिए राजी नहीं हुए। ज़रूरत में तो वह उस हालत में भी बैटिंग के लिए तैयार थे।
* शेन वार्न उनके बड़े पक्के दोस्त थे। स्मिथ ही अपने दोस्त शेन वॉर्न को हैम्पशायर के लिए खेलने लाए थे। तब भी कभी नेट्स पर उस ग्रेट लेग स्पिनर की गेंद नहीं खेले। जहां एक ओर पेस अटैक को बहादुरी से खेलने के लिए मशहूर थे वहीं, ऐसा मानते हैं कि स्पिन के सामने उतने बेहतर नहीं थे। हैरानी की बात ये कि इस सोच के बावजूद उन्होंने एशियाई टीमों के विरुद्ध ढेरों रन बनाए (भारत के विरुद्ध औसत 63 और श्रीलंका के विरुद्ध 67)। उनके लिए सबसे बड़ी परेशानी यही वॉर्न थे। वार्न ने ही 1993 में स्मिथ की ऐसी हालत कर दी थी कि वह चार साल पहले जैसी फार्म दिखा ही न पाए। शायद यही वजह थी कि उन्हें 1994-95 एशेज़ से बाहर कर दिया था।
ब्रिसबेन में पिंक बॉल टेस्ट के पहले दिन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों ने काली आर्मबैंड पहनी थी। मैच शुरू होने से पहले, एक छोटी और इमोशनल श्रद्धांजलि दी गई जिसमें बताया गया इस आर्मबैंड को पहनने की वजह का। खिलाड़ियों और फैंस ने रॉबिन स्मिथ के लिए एक मिनट का मौन रखा। ऐसे खिलाड़ी ज्यादा नहीं हैं क्रिकेट में।
चरनपाल सिंह सोबती