क्यों लिया जाता है टेस्ट क्रिकेट में Tea ब्रेक? जानिए इसकी असली कहानी

Updated: Wed, Dec 03 2025 10:18 IST
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हाल ही में एक टेस्ट में, दिन के खेल के दौरान का टी इंटरवल, ‘चाय के कप’ से कहीं ज़्यादा चर्चा में रहा। ये किस्सा है गुवाहाटी के बरसापारा स्टेडियम टेस्ट का जहां दोनों इंटरवल का समय आपस में बदल दिया। भारत के नक़्शे पर गुवाहाटी की ज्योग्राफिकल लोकेशन और भारत के एक ही टाइम ज़ोन को फॉलो करने की वजह से, लंच और टी इंटरवल को आपस में बदल दिया और समय भी बदल गया। पहली बार किसी टेस्ट में दिन के खेल के दौरान (डे-नाइट टेस्ट को छोड़कर) लंच से पहले चाय पी गई।

फर्स्ट-क्लास मैचों में दिन के खेल के दौरान चाय क्यों पी जाती है? यह परंपरा किसने और कब शुरू की? क्या आपको कभी एहसास हुआ कि क्रिकेट एकमात्र ऐसा खेल है जिसमें मील ब्रेक (खाने-पीने के लिए ब्रेक) होता है? क्रिकेट में ये मील ब्रेक अब न सिर्फ़ एक ज़रूरत हैं बल्कि एक परंपरा बन गए हैं। अक्सर, लंच और टी इंटरवल के आस-पास खिलाड़ियों की एकाग्रता टूटने से दिन के खेल का मिजाज एकदम बदल जाता है।

इंग्लैंड ने भले ही क्रिकेट को शुरू किया, लेकिन टी इंटरवल उन्होंने शुरू नहीं किया था। पहले इंग्लैंड में टेस्ट मैच बिना टी ब्रेक के खेले जाते थे। ऑस्ट्रेलिया ने 1881-82 की सीरीज के दौरान यह ब्रेक शुरू किया। जब ऑस्ट्रेलिया की टीम 1899 में इंग्लैंड आई तो ऑस्ट्रेलिया के कप्तान जो डार्लिंग ने दिन के खेल के दौरान, टी-ब्रेक का सुझाव दिया था। इंग्लैंड ने उनकी इच्छा का सम्मान किया, उनकी बात तो मान ली लेकिन एक अलग अंदाज में। खेल को तो रोक दिया टी इंटरवल के लिए लेकिन क्रिकेटर ग्राउंड से बाहर नहीं गए। ग्राउंड पर ही खिलाड़ियों के लिए रिफ्रेशमेंट लाए गए।

यही सिस्टम 1902 की एशेज के दौरान भी जारी रहा। 1905 में पहली बार खिलाड़ी ऑफिशियली 'टी' के लिए पवेलियन गए। तब भी खेल के मैदान पर चाय पीने का रिवाज कुछ सालों तक जारी रहा और कई फोटो ग्राउंड में चाय पीने के इस रिवाज का सबूत हैं।

एक दिन के खेल के दौरान टी इंटरवल यानि कि एक कप चाय पीने के रिवाज की शुरुआत के बारे में एक और थ्योरी भी है। स्कॉटलैंड अभी तक टेस्ट देश नहीं बन पाया है लेकिन वहां का क्रिकेट इतिहास बहुत अच्छा रहा है। ऐसा माना जाता है कि 19वीं सदी के आखिर में स्कॉटिश क्रिकेट में, खेल के दौरान एक कप चाय की परंपरा की शुरुआत हुई थी।

स्टोरी ये है कि मई 1892 में, टिटवुड, ग्लासगो में नॉर्थंबरलैंड और ग्लासगो एंड डिस्ट्रिक्ट साइड के बीच एक मैच खेला गया। बारिश से प्रभावित इस ड्रॉ मैच की रिपोर्ट पढ़ें तो उसमें क्रिकेट मैच में टी इंटरवल का ज़िक्र मिलता है। मैच के दिनों में लंच और खेल खत्म होने के बीच छोटे ब्रेक में क्रिकेटरों ने एक कप चाय पी। यह एक परंपरा की शुरुआत थी।

यह भी ध्यान दें कि टी ब्रेक न सिर्फ टेस्ट मैच और फर्स्ट-क्लास मैचों का एक फीचर बन गया, टी इंटरवल तो लिमिटेड ओवर मैचों में भी हुए। आज कोई विश्वास भी नहीं करेगा कि कभी इंग्लैंड में वनडे इंटरवल के दौरान टी इंटरवल भी होता था। यहां तक पहले तीन वर्ल्ड कप जो 60 ओवर प्रति पारी वाले थे, के मैचों में भी टी इंटरवल हुए। जब मैच में ओवर घटे और मैच 50 ओवर वाले हुए तो टी इंटरवल बंद हो गया और दो पारी के बीच का ब्रेक लंबा हो गया।

समय के साथ, 'चाय' सही मायने में 'चाय का कप' नहीं रही। अब तो मेजबान क्रिकेट एसोसिएशन बड़ा मेन्यू बनाती हैं और चाय बनाने का काम स्टार शेफ को सौंप दिया है। टेस्ट मैच में ब्रेक के दौरान खिलाड़ी क्या लेते हैं, इस बारे में कई अंदाज़े हैं। जुलाई 2025 में, भारत के इंग्लैंड टूर के दौरान, ओली पोप ने बताया कि वह दोनों ब्रेक के दौरान क्या लेते हैं? चाय के बारे में उन्होंने कहा, 'कुछ लोग चाय लेना पसंद करते हैं। मैं आम तौर पर सैंडविच के साथ कॉफी पीता हूं। कभी-कभी खिलाड़ी हेल्थ ड्रिंक भी लेते हैं। भारत में, शेफ़ अलग-अलग तरह की डिश परोसते हैं। ऐसी मिसाल भी हैं जब मेहमान खिलाड़ी टेस्ट शुरू होने से पहले, खुद बता देते हैं कि वे चाय के साथ क्या खाना पसंद करेंगे?

चरनपाल सिंह सोबती

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