स्टेडियम में एक बार जिसमें वह बंदूक भी डिस्प्ले है जिसे पिच की हिफाजत के लिए इस्तेमाल किया था

Updated: Thu, Dec 25 2025 08:32 IST
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ये एक बड़ी अनोखी स्टोरी है। पेट कमिंस की ऑस्ट्रेलिया टीम ने एडिलेड टेस्ट में इंग्लैंड को हराया और इसके साथ ही एशेज पर अगले दो साल के लिए उनका अधिकार हो गया। इंग्लैंड के लिए एडिलेड ओवल में मुकाबले वाली क्रिकेट खेलना हमेशा से एक चुनौती रहा है क्योंकि मुकाबला न सिर्फ ग्राउंड पर खेली क्रिकेट, स्टेडियम के बीते दौर की याद दिलाने वाले माहौल से भी होता है। यहां हर एशेज टेस्ट, दर्द देने वाले पुराने जख्मों को कुरेद देता है।

यह भले ही एक आधुनिक स्टेडियम है लेकिन पुरानी यादें और इतिहास आज भी मौजूद हैं। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस स्टेडियम के अंदर एक बार ऐसा है जिसका नाम बॉडीलाइन बार है। एडिलेड ओवल में इस बार को दिसंबर 2017 में, बदनाम 1932-33 बॉडीलाइन क्रिकेट सीरीज की याद में शुरू किया था। अगर यहां से ग्राउंड का खूबसूरत नजारा आकर्षित करता है तो बार में कुछ ऐतिहासिक और यादगार चीज़ें भी रखी है और खैर ड्रिंक्स तो हैं ही। दुनिया के और किसी भी स्टेडियम में क्रिकेट के बीते दौर से जोड़ने वाला ऐसा कोई बार नहीं।

इसका उद्घाटन 2017 के एडिलेड एशेज टेस्ट के पहले दिन हुआ। स्टेडियम के दूसरे सिरे पर जो बड़ा लोकप्रिय फिल राइडिंग्स बार है, इसे बाहर से बिल्कुल उस जैसा ही बनाया लेकिन इतिहास और माहौल काफी अलग हैं। बॉडीलाइन बार में बैठो तो लगेगा कि मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड या लॉर्ड्स के लॉन्ग रूम में हैं तथा साथ में एक कमरा जहां एडिलेड ओवल के इतिहास की झलक मौजूद है। बॉडीलाइन बार की ओर जाने वाली गैलरी से निकलें तो अपने आप इतिहास सामने आ जाता है। बार से जुड़ी कुछ ख़ास और अनोखी बाते:

* दीवारों पर उस बॉडीलाइन सीरीज में खेले सभी खिलाड़ियों के बड़े पोर्ट्रेट लगे हैं और इनमें ऑस्ट्रेलियाई कप्तान और ओपनर बिल वुडफुल भी हैं जिनके साथ इस विवाद का किस्सा शुरू हुआ। बल्लेबाजी करते हुए, गेंद उनके दिल पर लगी थी और तब वे जो बोले थे उसे क्रिकेट की सबसे मशहूर लाइन में से एक गिनते हैं: 'यहां दो टीम हैं। एक क्रिकेट खेलने की कोशिश कर रही है पर दूसरी नहीं।'

* एक मजेदार संयोग ये कि डगलस जार्डिन, डॉन ब्रैडमैन और हेरॉल्ड लारवुड के पोर्ट्रेट एक साथ टंगे हैं। इंग्लिश कप्तान जार्डिन ने ये 'बॉडीलाइन' स्कीम बनाई थी और लारवुड, ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को शॉर्ट-पिच गेंद फेंकने के उनके हुक्म के अनुसार, गेंद फेंकने वाले सबसे ख़ास गेंदबाज थे। इसे बॉडीलाइन कहा जाता था। प्लान ये था कि बल्लेबाजों को ऐसी गेंद फैंको कि वे खुद को चोट से बचाने के लिए, ऐसा डिफेंसिव शॉट खेलने पर मजबूर हो जाएं जिससे लेग-साइड पर कैच उछले।

* ये पॉलिसी खास तौर पर 24 साल के डॉन ब्रैडमैन को, 1930 सीरीज जैसी बल्लेबाजी से रोकने के लिए बनाई थी। ब्रैडमैन तब एक रन मशीन की तरह से रन बना रहे थे और इंग्लैंड के कप्तान के कप्तान को लगा कि सिर्फ इसी तरीके से उनके स्कोरिंग पर ब्रेक लगा सकते हैं।

* सीरीज का तीसरा टेस्ट एडिलेड ओवल में था और यहीं से इस पॉलिसी में खेली क्रिकेट का विवाद घिनौना बना। हालत ये थी कि स्टेडियम के अंदर लगभग दंगे जैसा माहौल बन गया था। नौबत ये आई कि इससे सरकारी स्तर भी टकराव शुरू हो गया। ऑस्ट्रेलिया ने साफ़ कहा इंग्लैंड 'स्पोर्ट्समैन स्पिरिट के उलट' खेल रहा है। वुडफुल को आई चोट से तनाव शुरू हुआ और जब लारवुड की एक तेज गेंद पर विकेटकीपर बर्ट ओल्डफील्ड की खोपड़ी चटक गई, तो दर्शकों का सब्र टूट गया। पुलिस को ड्यूटी पर पहले ही तैनात कर दिया था ताकि आम तौर पर आराम से क्रिकेट देखने वाली पर उस दिन गुस्से में आई, एडिलेड की भीड़ को दंगों से रोक सकें। डेविड फ्रिथ ने लिखा, 'इंग्लैंड के एक-दो क्रिकेटरों ने अपने बचाव के लिए हथियार के तौर पर इस्तेमाल के लिए स्टंप्स भी उखाड़ लिए थे। पागलपन की हद हो गई थी तब।'

* ऐसे टेस्ट को ही इस बार के ज़रिए याद किया जाता है क्योंकि यह वह इतिहास है जो एडिलेड ओवल में शुरू हुआ था।

* साउथ ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट एसोसिएशन (SACA) ने बार में डिस्प्ले के लिए जब यादगार चीज़ों की बाहर से और अपने स्टोर में तलाशा तो उन्हें बैट, बैगी ग्रीन कैप, क्रिकेट व्हाइट्स, एक ब्लेज़र (लेग-स्पिनर क्लैरी ग्रिमेट का जिस पर ऑस्ट्रेलियाई प्रतीक लगा है), कुछ टूर बुक्स, पुराने टर्नस्टाइल, आर्काइव फुटेज, और एक हैरान करने वाली चीज, एक बंदूक भी मिली। ये बंदूक स्टेडियम के क्यूरेटर की थी जो गुस्से में आए लोगों से, रात में पिच को तोड़फोड़ से बचाने के लिए, इसे खरीद लाए थे। उसके बाद से ये बंदूक क्यूरेटर के परिवार के पास थी पर जब 1996 में ऑस्ट्रेलिया में आर्म रिफॉर्म लागू हुए तो क्यूरेटर के बेटे ने इसे वापस कर दिया। संयोग से पुलिस ने भी तोड़ने के बजाय, इसे इस्तेमाल योग्य न छोड़, SACA को उन के म्यूज़ियम के लिए दे दिया। अब ये बार में रखी है।

* इंग्लिश बल्लेबाज एडी पेंटर का एक क्रिकेट बैट भी एक कैबिनेट में, यहां रखा है।

* 1880 के ब्रैडमैन स्टैंड को जब तोड़ा था तो बची लकड़ी और अन्य कुछ सामान रखा हुआ था। इसी का इस्तेमाल बार बनाने में किया ताकि इतिहास से जुड़े रहें और बॉडीलाइन सीरीज़ को श्रद्धांजलि दें। यहां तक कि 200 साल पुरानी लकड़ी को भी रीसायकल के बाद इस्तेमाल कर लिया।

इस तरह से एडिलेड ओवल के बॉडीलाइन बार ने क्रिकेट की सबसे बदनाम टेस्ट सीरीज में से एक को यादगार बना दिया और साथ ही ओवल के इतिहास के माहौल की भी झलक दिखा दी। एडिलेड ओवल ने अपना पुराना स्कोरबोर्ड और हिल को अभी तक रखा हुआ है और उसी तरह से इस बार ने भी एक इतिहास को जीवित रखा है।

इस टेस्ट के बारे में, विजडन ने लिखा कि ये अब तक खेले सबसे 'घिनोने' टेस्ट में से एक के तौर पर रूप में इतिहास में दर्ज रहेगा। इंग्लैंड ने खराब शुरुआत के बावजूद 341 रन बनाए। जवाब में ऑस्ट्रेलिया 119 रन पीछे रहे। चौथे दिन, एक समय इंग्लैंड का स्कोर 296-6 था पर वे आखिर में कुल 412 रन बना गए। इस तरह ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 532 रन बनाने थे। हालांकि ऑस्ट्रेलिया को 338 रन से हार मिली पर वुडफुल की कोशिश को हमेशा याद रखा जाएगा। वे अपने टेस्ट करियर में दूसरी बार, पूरी पारी खेलकर भी आउट नहीं हुए। स्कोर कार्ड:

एडिलेड ओवल, 13 - 19 जनवरी, 1933, इंग्लैंड 338 रन से विजयी

इंग्लैंड: 341 (मौरिस लेलैंड 83, बॉब व्याट 78, टिम वॉल 5/72) और 412 (वॉली हैमंड 85, लेस एम्स 69, बिल ओ'रिले 4/79, बर्ट आयरनमॉन्गर 3/87)

ऑस्ट्रेलिया: 222/9 (बिल पोंसफोर्ड 85, बर्ट ओल्डफील्ड 41*, गब्बी एलन 4/71, हेरॉल्ड लारवुड 3/55) और 193/9 (बिल वुडफुल 73*, डोनाल्ड ब्रैडमैन 66, गब्बी एलन 4/50, हेरॉल्ड लारवुड 4/71)

चरनपाल सिंह सोबती

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