'विराट कोहली सही था जब उसने माइक पर चिल्लाया था', बांग्लादेश पर कहर बनकर टूटे अंपायर

Updated: Mon, Apr 04 2022 13:52 IST
South Africa vs Bangladesh

South Africa vs Bangladesh, 1st Test: बांग्लादेश टीम साउथ अफ्रीका के दौरे पर है। इस दौरे के पहले टेस्ट मैच में ही खराब अंपायरिंग देखने को मिली। आठ फैसले पलटे गए और अधिकांश बांग्लादेश के खिलाफ गए। बांग्लादेश टीम के निदेशक खालिद महमूद खफा हैं और उन्होंने SA vs BAN टेस्ट में खराब अंपायरिंग पर खुलकर नाराजगी जताई है। मेहमान टीम को टेस्ट मैच के चौथे दिन खराब अंपायरिंग के फैसलों का सामना करना पड़ा। महमूद ने यह भी कहा कि अगर फैसले उनकी टीम के पक्ष में गए होते तो वो 270 का नहीं बल्कि 180 का पीछा कर रहे होते।

आलम ये था कि बांग्लादेश को अंपायर के फैसलों को पलटने के लिए बार-बार रिव्यू लेना पड़ा। हालांकि, कई बार 'अंपायर कॉल' के कारण ऑन-फील्ड अंपायर द्वारा दिए गए फैसले को ही माना गया। इसके अलावा, अंपायर Adrian Holdstock ने Sarel Erwee को आउट नहीं दिया जबकि खुली आंखों से देखने पर साफ पता चल रहा था कि बल्लेबाज आउट है।

इसके अलावा, बांग्लादेश को कीगन पीटरसन के खिलाफ एक एलबीडब्ल्यू आउट से भी वंचित रहना पड़ा। बांग्लादेश टीम ने यहां रिव्यू नहीं लेने का फैसला किया लेकिन, बाद में रिप्ले पर देखने पर पता चला कि गेंद स्टंप्स पर लग रही थी। अगर बांग्लादेश टीम रिव्यू लेती तो बल्लेबाज आउट होता। इसके बाद पीटरसन ने 36 रन बनाए और एक महत्वपूर्ण साझेदारी भी की।

इससे पहले जब टीम इंडिया साउथ अफ्रीका दौरे पर गई थी तब भी खराब अंपायरिंग देखने को मिली थी जिसके बाद टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने स्ंटप माइक पर जाकर थर्ड अंपायर को खरी-खरी सुनाई थी। यूजर्स भी इसी बात को लेकर कमेंट कर रहे हैं।

बांग्लादेश के चयनकर्ता हबीबुल बशर ने भी अपनी चिंता व्यक्त की और शाकिब अल हसन के सुझाव से सहमत नजर आए। शाकिब अल हसन ने खराब अंपायरिंग के बाद सुझाव देते हुए कहा था,'ICC को अब टेस्ट में न्यूट्रल अंपायरों की नीति पर वापस जाना चाहिए क्योंकि COVID लगभग चला गया है।' शाकिब फिलहाल निजी कारणों से टीम के साथ नहीं हैं लेकिन वह टेस्ट मैच को फॉलो कर रहे हैं।

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हबीबुल बशर ने कहा, 'मैं शाकिब से पूरी तरह सहमत हूं। कोविड प्रोटोकॉल खत्म हो गए हैं, इसलिए हमें न्यूट्रल अंपायरों के पास वापस जाना चाहिए। अंपायर गलतियां करते हैं लेकिन निश्चित रूप से न्यूट्रल अंपायर सुनिश्चित करते हैं कि सभी को फायदा मिले। हमने इस सीरीज में ऐसा नहीं देखा है। डीआरएस निश्चित रूप से मददगार है लेकिन अंपायर का फैसला वास्तव में हमारे पक्ष में नहीं जा रहा है।

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