ग्रैग चैपल के मुद्दे पर सचिन के समर्थन में हरभजन और जहीर
नई दिल्ली, 04 नवंबर (हि.स.) । महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के बाद अब हरभजन सिंह और जहीर खान ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल पर हमला बोला है। हरभजन ने कहा कि टीम के कुछ खिलाड़ियों ने चैपल को गलत जानकारी दी जिसकी वजह से भारतीय क्रिकेट का बहुत नुकसान हुआ। चैपल ने भारतीय क्रिकेट को इस तरह बिगाड़ा जिसे संवारने में कम से कम तीन वर्ष लगे। वैसे टीम में शामिल कुछ क्रिकेटरों ने कोच को जानबूझकर गलत जानकारी जिनके नाम का खुलासा वे सही समय आने पर करेंगे।
भज्जी ने आरोप लगाया कि जब भारत बुलावायो में जिम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट मैच में संघर्ष कर रहा था तब चैपल बीसीसीआई को कप्तान सौरव गांगुली के बारे में ई-मेल लिखने में व्यस्त थे। उन्होंने कहा- सौरव मैदान में बल्लेबाजी कर रहे थे और चैपल उनके खिलाफ पत्र लिख रहे थे। उन्हें मैच में कोई रूचि नहीं थी। मुझे इसका पता इसलिए चला क्योंकि वे ड्रेसिंग रूम में मेरे पास बैठकर ही यह मेल चला रहे थे। वे जब वॉशरूम गए तब मैंने उनके लेपटॉप पर इस मेल को देखा। मैं यह पत्र देखकर हतप्रभ रह गया। मैंने इसके बारे में गांगुली को बताया तो वे भी स्तब्ध रह गए थे।
हरभजन ने कहा कि चैपल टीम के कुछ खिलाड़ियों को बाहर करना चाहते थे। इनमें गांगुली, मैं, वीरेंद्र सहवाग, आशीष नेहरा, जहीर खान और युवराज सिंह शामिल थे। उनसे टीम को आगे ले जाने की उम्मीद थी, लेकिन बीच में एक समय ऐसा भी आया था जब टीम अंडर-14 आयु वर्ग के समान प्रदर्शन कर रही थी।
वहीं, जहीर खान ने कहा कि वर्ष 2005 में चैपल ने मुझे कहा था कि जब तक वे टीम इंडिया के कोच हैं मैं भारत का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाऊंगा। उनका कार्यकाल भारतीय क्रिकेट का काला अध्याय रहा।
जहीर ने कहा कि कोच पद संभालने के बाद एक दिन चैपल मेरे पास आए और बोले की जहीर जब तक मैं टीम का कोच हूं, तुम भारत की तरफ से नहीं खेल पाओगे। मैं कोच के मुंह से ऐसी बात सुनकर स्तब्ध रह गया था। मैं समझ नहीं पा रहा था कि ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए। उनके अपने पूर्वाग्रह थे और वे टीम के कई सीनियर खिलाड़ियों के खिलाफ थे। 2005 से 2007 तक का उनका कार्यकाल भारतीय क्रिकेट का काला अध्याय था।
गौरतलब है कि सचिन ने 6 नवंबर को रिलीज होने वाली अपनी आत्मकथा 'प्लेइंग इट माय वे' में चैपल के तानाशाही पूर्ण रवैये की आलोचना करते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने 2007 विश्व कप के पहले राहुल द्रविड़ की जगह उन्हें कप्तानी संभालने के लिए राजी करने की कोशिश की थी।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/अनूप