एक्ट्रेस सपना गिल से छेड़खानी का मामला, क्रिकेटर पृथ्वी शॉ ने कोर्ट में दाखिल किया जवाब
शॉ का कहना है कि यह आवेदन उनकी सार्वजनिक छवि और सेलिब्रिटी स्टेटस का दुरुपयोग करते हुए उन्हें बदनाम करने और मानसिक रूप से परेशान करने के इरादे से दायर किया गया है। सपना गिल ने पृथ्वी शॉ के खिलाफ एक आपराधिक आवेदन दायर किया था।
वहीं, सत्र न्यायालय में दाखिल अपने जवाब में पृथ्वी शॉ और आशीष यादव ने पूरी घटना का क्रमवार विवरण देते हुए आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
प्रतिवादियों के अनुसार, 15 फरवरी 2023 को रात करीब 1 बजे, वे सांताक्रूज इलाके में सहारा स्टार होटल के 'मंसियन क्लब' में डिनर कर रहे थे। इसी दौरान शोभित ठाकुर नामक व्यक्ति ने पृथ्वी शॉ से सेल्फी लेने का अनुरोध किया। शुरू में शॉ ने शिष्टाचारवश एक सेल्फी की अनुमति दी, लेकिन वह व्यक्ति कथित तौर पर नशे में था। बाद में उसने बार-बार कई सेल्फी लेने की जिद की और मना करने पर अभद्र व्यवहार करने लगा। इसके बाद क्लब के सुरक्षाकर्मियों ने उसे बाहर निकाल दिया।
प्रतिवादियों का आरोप है कि डिनर के बाद जब वे अपनी बीएमडब्ल्यू कार से निकल रहे थे, तभी उसी व्यक्ति ने बेसबॉल स्टिक से कार की विंडशील्ड पर हमला किया। सुरक्षा के मद्देनजर पृथ्वी शॉ को तुरंत दूसरी गाड़ी में बैठाया गया।
जवाब में यह भी कहा गया है कि रास्ते में सपना गिल और उनके कुछ साथी उनका पीछा करते हुए ओशिवारा पुलिस स्टेशन के पास पहुंचे। आरोप है कि सपना गिल कार से उतरकर गाली-गलौज करने लगीं और धमकी दी कि अगर 50 हजार रुपये नहीं दिए गए तो वह छेड़छाड़ का झूठा मामला दर्ज करा देंगी। इसके बाद वह वहां से चली गईं।
पृथ्वी शॉ और आशीष यादव ने अदालत में कहा कि सपना गिल एक स्ट्रगलिंग एक्ट्रेस हैं और उन्होंने प्रचार तथा पैसे ऐंठने के उद्देश्य से यह पूरा मामला गढ़ा। उनका दावा है कि सपना गिल की शिकायत उनके द्वारा पहले दर्ज कराई गई एफआईआर का जवाबी हमला (काउंटरब्लास्ट) है।
प्रतिवादियों के अनुसार, आशीष यादव ने 15 फरवरी 2023 की घटना को लेकर पहले ही ओशिवारा पुलिस स्टेशन में धारा 143,148,149, 384, 427, 504 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर सपना गिल और उनके दोस्त को गिरफ्तार भी किया गया था। जमानत पर रिहा होने के बाद सपना गिल ने कथित तौर पर व्यक्तिगत प्रतिशोध के तहत पृथ्वी शॉ और उनके मित्र के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
पृथ्वी शॉ की तरफ से यह भी कहा गया कि मजिस्ट्रेट ने प्रथम दृष्टया मामला न बनने पर सीआरपीसी की धारा 202 के तहत जांच के आदेश दिए थे। इस जांच में पांच चश्मदीद गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें से किसी ने भी सपना गिल द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं की।
पृथ्वी शॉ और आशीष यादव ने सत्र न्यायालय से अनुरोध किया है कि सपना गिल द्वारा दायर आपराधिक पुनरीक्षण आवेदन को क्षतिपूरक लागत के साथ खारिज किया जाए।
पृथ्वी शॉ की तरफ से यह भी कहा गया कि मजिस्ट्रेट ने प्रथम दृष्टया मामला न बनने पर सीआरपीसी की धारा 202 के तहत जांच के आदेश दिए थे। इस जांच में पांच चश्मदीद गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें से किसी ने भी सपना गिल द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं की।
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वकील ने बताया कि मामले में अगली सुनवाई 31 मार्च को होगी, जिसमें न सिर्फ पृथ्वी शॉ के खिलाफ बल्कि सुप्रीम कोर्ट के ललिता कुमारी बनाम राज्य के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए एफआईआर दर्ज न करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी बहस की जाएगी।