आईपीएल 2025 : सीएसके में आत्मविश्वास कम, जीत के लिए हर तरह का जोखिम उठाना होगा - क्लार्क
एम. ए. चिदंबरम स्टेडियम में, महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में वापसी के बावजूद, सीएसके की टीम बिल्कुल भी मजबूत नहीं दिखी। कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सीएसके को केवल 103 रन पर रोक दिया, जो कि उनके घरेलू मैदान पर सबसे कम स्कोर है। इसके बाद केकेआर ने आठ विकेट से जीत हासिल की। यह सीएसके की अब तक की सबसे बड़ी हार बनी, जहां 59 गेंदें शेष थीं। टीम अभी भी अंक तालिका में नौवें स्थान पर बनी हुई है।
माइकल क्लार्क ने जियोहॉटस्टार पर कहा, "विकेट पर बल्लेबाजी करना मुश्किल था। नई गेंद से थोड़ी मूवमेंट और स्पिन थी। लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स ने अपनी रणनीति गलत बनाई। उनकी खेलने की शैली से साफ था कि उनका आत्मविश्वास गिर चुका है। और खेलने का इरादा भी नजर नहीं आया। अभी टीम बहुत सतर्क होकर खेल रही है जैसे कि सिर्फ हार से बचने की कोशिश हो रही हो। लेकिन अब समय आ गया है कि वे सब कुछ दांव पर लगाएं और जीत की पूरी कोशिश करें।"
क्लार्क ने कहा कि हालात बदलना आसान नहीं होता। जैसे जीत की भावना टीम में जोश भर देती है, वैसे ही हार का असर भी पूरे ड्रेसिंग रूम में फैल जाता है और इससे निकलना मुश्किल होता है।
भारत के अनुभवी लेग स्पिनर पीयूष चावला, जो 2020 में सीएसके का हिस्सा रह चुके हैं, ने सुझाव दिया कि टीम को कुछ छोटे बदलाव करने चाहिए और युवा, नए खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए।
उन्होंने कहा, "इस समय चेन्नई सुपर किंग्स को युवाओं पर भरोसा करना चाहिए। जैसे आंद्रे सिद्दार्थ एक अच्छे मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज हैं, उन्हें मौका मिलना चाहिए। राहुल त्रिपाठी और दीपक हुडा को टीम पहले ही काफी मौके दे चुकी है। अगर कोई नया खिलाड़ी आता है और तेज रन बना देता है, तो इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा और पूरी टीम को भी ऊर्जा मिलेगी। जरूरी नहीं कि बहुत बड़े बदलाव हों, लेकिन एक-दो छोटे बदलाव ताजगी ला सकते हैं।"
चावला ने सुनील नरेन की भी तारीफ की। नरेन ने अपने चार ओवर में 13 रन देकर 3 विकेट लिए और एक भी बाउंड्री नहीं दी।
उन्होंने कहा, "इस समय चेन्नई सुपर किंग्स को युवाओं पर भरोसा करना चाहिए। जैसे आंद्रे सिद्दार्थ एक अच्छे मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज हैं, उन्हें मौका मिलना चाहिए। राहुल त्रिपाठी और दीपक हुडा को टीम पहले ही काफी मौके दे चुकी है। अगर कोई नया खिलाड़ी आता है और तेज रन बना देता है, तो इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा और पूरी टीम को भी ऊर्जा मिलेगी। जरूरी नहीं कि बहुत बड़े बदलाव हों, लेकिन एक-दो छोटे बदलाव ताजगी ला सकते हैं।"
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Article Source: IANS