सीएम ने सिमू दास को सौंपा 10 लाख का चेक, सरकारी नौकरी का भी वादा
सिमू, बी1 (पूरी तरह से ब्लाइंड) कैटेगरी की क्रिकेटर हैं, जिन्होंने ब्लाइंड महिला टी20 विश्व कप में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई।
सिमू जन्म से ही नेत्रहीन हैं। कच्चे मकान में सिमू का बचपन बेहद मुश्किल हालात में गुजरा। सिमू की तरह उनका भाई भी देखने में सक्षम नहीं है। ऐसे मुश्किल हालात में मां ने पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठाई। उन्होंने बेटी को तमाम चुनौतियों से लड़ना सिखाया। पक्के इरादे के साथ सिमू ने न सिर्फ भारत की तरफ से खेलने का अपना सपना पूरा किया, बल्कि आज वह एक विश्व कप विजेता भी हैं।
क्रिकेट एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड इन इंडिया (सीएबीआई) और सपोर्टनम ट्रस्ट फॉर द डिसेबल्ड ने इस बड़े फैसले के लिए असम सरकार और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का शुक्रिया अदा किया है।
सिमू जन्म से ही नेत्रहीन हैं। कच्चे मकान में सिमू का बचपन बेहद मुश्किल हालात में गुजरा। सिमू की तरह उनका भाई भी देखने में सक्षम नहीं है। ऐसे मुश्किल हालात में मां ने पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठाई। उन्होंने बेटी को तमाम चुनौतियों से लड़ना सिखाया। पक्के इरादे के साथ सिमू ने न सिर्फ भारत की तरफ से खेलने का अपना सपना पूरा किया, बल्कि आज वह एक विश्व कप विजेता भी हैं।
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सिमू दास ने कहा, "यह मेरी जिंदगी का सबसे भावुक दिन है। मैं एक ऐसे परिवार से हूं, जिसने हर चीज के लिए जद्दोजहद किया है। सरकारी नौकरी की घोषणा और माननीय मुख्यमंत्री से मिले इस सम्मान ने मुझे एक नई जिंदगी और एक नई पहचान दी है। मैं उनका दिल से शुक्रिया अदा करती हूं। मैं माननीय प्रधानमंत्री के प्रति भी अपना सम्मान जताती हूं, जिनके नेतृत्व में मुझ जैसे लाखों लोगों को अपने हालात से ऊपर उठने की उम्मीद मिली है। मैं क्रिकेट एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड इन इंडिया और समर्थनम ट्रस्ट को भी धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने मुझे खोजा और मुझे यहां तक पहुंचने के लिए ट्रेनिंग दी।"