भारत के लिए ड्रीम डेब्यू से खुश हैं साई सुदर्शन
बीसीसीआई.टीवी पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में साई सुदर्शन ने कहा, "यह बेहद शानदार था क्योंकि एक युवा खिलाड़ी के रूप में हर कोई देश के लिए खेलना चाहता है। टीम की जीत में अपना योगदान देना और देश के लिए ट्रॉफियां जीतना हर किसी का सपना है। इसलिए, मैं अपने प्रदर्शन से खुश था और यह एक बहुत ही खूबसूरत एहसास है।
"एक संस्कृति जो मुझे पसंद है, वह है डेब्यू कैप मिलना जिसे मैं तमिलनाडु के दिनों से देखना पसंद करता हूं। राष्ट्रगान के दौरान मैं थोड़ा भावुक था। यह एक शानदार एहसास है और मैंने इसका आनंद लिया।"
117 रनों के मामूली लक्ष्य का पीछा करते हुए, साईं सुदर्शन ने एक बेहतरीन कवर ड्राइव के साथ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी और अपने पहले वनडे मैच में चौके के साथ अपना खाता खोला।
इतना ही नहीं सुदर्शन ने स्पिनरों के खिलाफ अपने फुटवर्क का इस्तेमाल करने के तरीके से प्रभावित करना जारी रखा। उन्होंने 41 गेंदों पर नाबाद 55 रन बनाए, जबकि श्रेयस अय्यर के साथ 88 रन की साझेदारी की, जिन्होंने 52 रन बनाए।
साईं सुदर्शन को वनडे टीम में शामिल होने से पहले दक्षिण अफ्रीका 'ए' के खिलाफ भारत 'ए' के लिए चार दिवसीय रेड-बॉल मैच खेलने के अनुभव से भी मदद मिली।
उन्होंने कहा, "मैंने बस इस बारे में जितना संभव हो सके उतनी जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश की। मुझे एहसास था कि दक्षिण अफ्रीका में हालात कैसे होंगे। मैंने यहां आने से पहले भारत 'ए' मैच खेला था, इसलिए इससे मुझे परिस्थितियों से तालमेल बिठाने में मदद मिली।"
साईं सुदर्शन चेन्नई स्थित एक परिवार से आते हैं, जिसका खेल से जुड़ाव है। उनके पिता आर. भारद्वाज ने 1993 में ढाका में हुए सैफ गेम्स में 100 मीटर स्प्रिंटिंग स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
उनकी मां उषा भारद्वाज वॉलीबॉल खिलाड़ी रही हैं और अब वो अपने बेटे की स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग ट्रेनर हैं। उषा को दिनेश कार्तिक, दीपिका पल्लीकल, जोशना चिनप्पा और अभिनव मुकुंद जैसे अन्य खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए भी जाना जाता है।