विनेश को अयोग्य ठहराए जाने के फैसले पर अधिकारियों को समय लेना चाहिए था: हरभजन सिंह
बुधवार सुबह पेरिस ओलंपिक में महिलाओं के 50 किलोग्राम वर्ग के स्वर्ण पदक मैच से पहले विनेश फोगाट का वजन तय सीमा से कुछ ग्राम अधिक होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया और उन्हें टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया।
हरभजन ने आईएएनएस से कहा, "विनेश के साथ जो हुआ, वह हमारे लिए बहुत दुखद और निराशाजनक है। यह हमारे लिए एक सुनिश्चित स्वर्ण पदक था, लेकिन नियम तो नियम हैं, हम इसमें कुछ नहीं कर सकते। मुझे लगता है कि जब कोई खिलाड़ी पदक मैच के इतने करीब पहुंच जाता है, तो आयोजकों को फैसला सुनाने के लिए थोड़ा अधिक समय लेना चाहिए।
"फिर भी विनेश ने जो किया है, वह काफी प्रेरणादायक है। विश्व चैंपियन और टोक्यो स्वर्ण पदक विजेता को हराना कोई आसान काम नहीं है। इसलिए मैं विनेश को शुभकामनाएं देता हूं और मुझे उस पर वास्तव में गर्व है।"
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने बुधवार को एक बयान जारी कर अधिक वजन के कारण विनेश के खेलों से बाहर होने पर निराशा व्यक्त की और पहलवान की निजता का सम्मान करने का आग्रह किया।
ओलंपिक संघ के इस फैसले से हर कोई हैरान है। पीएम मोदी भी इस मामले में लगातार आईओए प्रेसिडेंट पीटी उषा से संपर्क में है और कहा है कि सभी विकल्प तलाश कर विनेश की हर संभव मदद करें।
चाहे राजनीतिक दल हो या खेल जगत से ताल्लुक रखने वाले हर कोई विनेश के लिए आवाज उठा रहा है और उन्हें इस मुश्किल समय में हिम्मत बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।
2016 में चोटिल और 2020 में बैन झेलने के बाद विनेश फोगाट ने यहां तक का सफर तय करने के लिए दिन-रात मेहनत की है। पेरिस ओलंपिक में फाइनल तक पहुंचने के लिए विनेश ने अपने पहले ही मुकाबले में विश्व चैंपियन और पिछले ओलंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट को हराया था। हालांकि, गोल्ड से मात्र एक कदम दूर विनेश को भाग्य का साथ नहीं मिला और तमाम जद्दोजहद के बावजूद वो 50 किग्रा वर्ग केटेगरी में मामूली अंतर के कारण फाइनल मुकाबले से पहले डिसक्वालीफाई हो गईं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि मौजूदा फॉर्म को देखते हुए विनेश का गोल्ड लगभग पक्का था।
ऐतिहासिक स्वर्ण पदक के लिए उनका मुकाबला यूएसए की सारा हिल्डेब्रांट से होना था।
2016 में चोटिल और 2020 में बैन झेलने के बाद विनेश फोगाट ने यहां तक का सफर तय करने के लिए दिन-रात मेहनत की है। पेरिस ओलंपिक में फाइनल तक पहुंचने के लिए विनेश ने अपने पहले ही मुकाबले में विश्व चैंपियन और पिछले ओलंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट को हराया था। हालांकि, गोल्ड से मात्र एक कदम दूर विनेश को भाग्य का साथ नहीं मिला और तमाम जद्दोजहद के बावजूद वो 50 किग्रा वर्ग केटेगरी में मामूली अंतर के कारण फाइनल मुकाबले से पहले डिसक्वालीफाई हो गईं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि मौजूदा फॉर्म को देखते हुए विनेश का गोल्ड लगभग पक्का था।
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Article Source: IANS