लॉर्ड्स में तेज गेंदबाजी के एक युग का समापन होगा
मैच से पहले उन्होंने कहा, "मुझे अभी भी महसूस होता है कि मैं उतना ही फ़िट हूं जितना पहले था। मैं उसी तरह गेंदबाज़ी कर रहा हूं, जैसे मैंने हमेशा की है। 35 की उम्र के बाद मेरे रिकॉर्ड बेहतर हुए हैं। मैं अभी भी सोचता हूं कि मैं यह काम कर सकता हूं, जो मैं कई सालों से करता आ रहा हूं। लेकिन उसी समय मैं यह भी समझता हूं कि किसी बिंदु पर अंत तो होना ही है और मैं पूरी तरह से इस कारण को स्वीकार करता हूं।"
एंडरसन का रोमांचक सफ़र लॉर्ड्स में समाप्त हो रहा है। 2003 में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ यह शुरू हुआ था। क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाला यह मैदान इस खेल के दिग्गजों पर दयालु नहीं रहा है। ना ही सचिन तेंदुलकर और ना ही ब्रायन लारा के नाम यहां पर शतक हैं, लेकिन एंडरसन को यहां पर बहुत कुछ मिला है।
उनके करियर के 700 विकेटों में से 119 अकेले इस मैदान पर आए हैं। लॉर्ड्स के ऑनर बोर्ड पर उनका नाम सात बार लिखा गया है, जिसमें 2017 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 42 रन पर 7 विकेट देकर उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी शामिल है। यहीं पर उन्होंने क्रेग ब्रेथवेट को आउट करके करियर का 500वां विकेट लिया था।
उनका परिवार उनके आख़िरी अध्याय का गवाह होगा। वे ख़ुशक़िस्मत रहे कि उन्हें टिकट मिल जाएंगे। वे एंडरसन को शेन वॉर्न के 708 टेस्ट विकेट से आगे निकलते हुए भी देख सकते हैं और जिस तरह की परिस्थतियां हैं उसको देखकर ऐसा होना मुश्किल नहीं लग रहा है।
उनके करियर के 700 विकेटों में से 119 अकेले इस मैदान पर आए हैं। लॉर्ड्स के ऑनर बोर्ड पर उनका नाम सात बार लिखा गया है, जिसमें 2017 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 42 रन पर 7 विकेट देकर उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी शामिल है। यहीं पर उन्होंने क्रेग ब्रेथवेट को आउट करके करियर का 500वां विकेट लिया था।
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उनके शब्दों का चयन अहम है। उन्होंने आख़िरी बार की जगह एक और बार कहा और यही उनके व्यक्तित्व को दर्शाता है। एंडरसन के पास अब इंग्लैंड के लिए टेस्ट मैच खेलने का एक ही मौक़ा है और हक़ीक़त यह है कि लॉर्ड्स में एक युग का अंत होने जा रहा है।