मनु अत्री: अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में देश के लिए स्वर्णिम सफलता हासिल करने वाला खिलाड़ी

Updated: Tue, Dec 30 2025 12:16 IST
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बैडमिंटन क्रिकेट के बाद भारत में सबसे तेजी से उभरता हुआ और लोकप्रिय खेल है। पिछले एक दशक में देश में कई नाम उभरे हैं जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन में बड़ा नाम बनाया है। प्रमुख खिलाड़ियों में एक नाम मनु अत्री का भी है।

मनु अत्री का जन्म 31 दिसंबर 1992 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ था। मनु अत्री एक पेशेवर बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और डबल्स और मिक्स्ड डबल्स फॉर्मेट में खेलते हैं। मनु के खेल के क्षेत्र में आने की बड़ी वजह उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि है। उनके पिता एक एथलीट थे और चाहते थे कि मनु भी बड़े होकर खेल के क्षेत्र में ही करियर बनाएं। मनु अत्री ने 10 साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। 16 साल की उम्र में उन्होंने एक प्रोफेशनल खिलाड़ी के तौर पर खेलना शुरू किया। 2010 में, उन्हें जूनियर स्तर पर भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका मिला। वह विश्व जूनियर चैंपियनशिप 2010 में भारतीय टीम का हिस्सा थे।

2011 में पहली बार सीनियर खिलाड़ी के तौर पर उन्होंने जिश्नु सान्याल के साथ केन्या इंटरनेशनल का खिताब जीता। मनु अत्री की बी. सुमीथ रेड्डी के साथ जोड़ी भारतीय बैडमिंटन में एक मजबूत डबल्स जोड़ी के रूप में उभरी। इस जोड़ी ने 2015 में मेक्सिको सिटी ग्रैंड प्रिक्स और 2016 में कनाडा ओपन में स्वर्ण पदक जीता। 2015 यूएस ओपन और डच ओपन में भी इस जोड़ी ने रजत पदक जीता। मनु अत्री और सुमीथ रेड्डी की जोड़ी ने लगोस इंटरनेशनल का खिताब तीन बार (2015, 2017, 2018) जीता।

टाटा ओपन इंडिया इंटरनेशनल (2013, 2014), बेल्जियन इंटरनेशनल (2015), नेपाल इंटरनेशनल (2019), और इंडिया इंटरनेशनल (2019) जैसे टूर्नामेंट्स में भी मनु अत्री और सुमीथ रेड्डी की जोड़ी ने प्रभावी प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीते। 2016 साउथ एशियन गेम्स में उन्होंने पुरुष डबल्स और टीम इवेंट में स्वर्ण और मिश्रित डबल्स में रजत पदक हासिल किया। मिश्रित डबल्स में मनु अत्री के. मनीषा और एन. सिक्की रेड्डी के साथ खेल चुके हैं।

2011 में पहली बार सीनियर खिलाड़ी के तौर पर उन्होंने जिश्नु सान्याल के साथ केन्या इंटरनेशनल का खिताब जीता। मनु अत्री की बी. सुमीथ रेड्डी के साथ जोड़ी भारतीय बैडमिंटन में एक मजबूत डबल्स जोड़ी के रूप में उभरी। इस जोड़ी ने 2015 में मेक्सिको सिटी ग्रैंड प्रिक्स और 2016 में कनाडा ओपन में स्वर्ण पदक जीता। 2015 यूएस ओपन और डच ओपन में भी इस जोड़ी ने रजत पदक जीता। मनु अत्री और सुमीथ रेड्डी की जोड़ी ने लगोस इंटरनेशनल का खिताब तीन बार (2015, 2017, 2018) जीता।

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मनु अत्री अब सक्रिय बैडमिंटन से संन्यास ले चुके हैं और कोचिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं। बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप 2025 में ध्रुव कपिला और तनीषा क्रास्टो की मिश्रित डबल्स जोड़ी के कोच के रूप में वह नजर आए थे।

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