आईपीएल ने शाम के मैचों में दूसरी पारी में 10वें ओवर के बाद गेंद बदले जाने की अनुमति दी
अब तक गेंद बदले जाने पर फैसले का अधिकार पूर्ण रूप से अंपायरों को हुआ करता था, ऐसी स्थिति में जब उन्हें लगता था कि गेंद को बदले जाने की जरूरत है या गेंद काफी गीली हो गई है। हालांकि फ्रेंचाइजी चाहती थीं कि मैच अधिकारी उन्हें एक से ज्यादा बार गेंद को बदले जाने की अनुमति दें।
नए नियम के अनुसार चेज के दौरान 11 से 20 ओवर के बीच में गेंद को कभी भी बदले जाने की अनुमति दी जाएगी, भले ही उस समय मैदान पर ओस पड़ रही हो या नहीं। हालांकि यह प्रावधान सिर्फ शाम के मैचों के लिए किया गया है, दोपहर के मैचों के लिए नहीं। यदि गेंदबाजी टीम दूसरी पारी में 10वें ओवर के बाद गेंद नहीं बदलना चाहेगी तब ऐसी स्थिति में नई गेंद का उपयोग नहीं किया जाएगा।
10वें ओवर के बाद बदली जाने वाली गेंद में उतनी ही घिसावट होगी जितनी पुरानी गेंद में होगी। अहम बात यह है कि यह गेंद अंपायर चुनेंगे और गेंदबाजी टीम इस संबंध में आपत्ति दर्ज नहीं करा पाएगी। गेंदबाजी टीम के लिए इसमें संभावित नुकसान यह हो सकता है कि अगर बदली गई गेंद पुरानी गेंद की तुलना में अधिक सख्त हुई तो रन बनाना आसान हो जाएगा।
अंपायर मैच के दौरान कभी भी गेंद के खराब होने, शेप बिगड़ने या खोने पर गेंद को बदल सकेंगे, हालांकि इससे गेंदबाजी टीम के पास गेंद बदले जाने का विकल्प होने पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
टीमों ने इस निर्णय का स्वागत किया है क्योंकि अतीत में ओस ने परिणामों को काफी हद तक प्रभावित किया है। भारतीय मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने कहा है कि मध्य ओवरों में गीली गेंद को बदला जाना काफी मददगार सिद्ध होगा। वहीं कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के खिलाफ आईपीएल 2025 का पहला मैच खेलने जा रही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के मुख्य कोच एंडी फ्लॉवर ने कहा कि गेंद बदले जाने की अनुमति से खेल और रोमांचक हो जाएगा।
फ्लॉवर ने कहा, "मुझे यह नियम बेहद पसंद आएगा कि कप्तान दूसरी पारी में गेंद बदलने का आग्रह कर सकते हैं। मैं हमेशा सोचता था कि यह निर्णय अंपायरों के बजाय कप्तानों के हाथ में क्यों नहीं होना चाहिए? अगर गेंद को बदला जाता है, तो इससे खेल में गेंद और बल्ले के बीच संतुलन बना रहेगा, जिससे क्रिकेट और भी रोमांचक हो जाएगा। विशेष रूप से उन मैचों में, जहां ओस का प्रभाव अधिक होता है, यह नियम काफी प्रभावी साबित हो सकता है।"
आईपीएल में इस बार गेंदबाज गेंद पर सलाइवा यानी लार का भी उपयोग कर सकेंगे। आईसीसी ने कोरोना महामारी के दौरान मई 2020 में सलाइवा के उपयोग पर अस्थाई रूप से प्रतिबंध लगाया था और सितंबर 2022 में इस पर स्थाई तौर पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि फ्लॉवर को नहीं लगता कि सलाइवा के उपयोग से छोटे प्रारूप में कोई बड़ा असर पड़ेगा।
फ्लॉवर ने कहा, "मुझे यह नियम बेहद पसंद आएगा कि कप्तान दूसरी पारी में गेंद बदलने का आग्रह कर सकते हैं। मैं हमेशा सोचता था कि यह निर्णय अंपायरों के बजाय कप्तानों के हाथ में क्यों नहीं होना चाहिए? अगर गेंद को बदला जाता है, तो इससे खेल में गेंद और बल्ले के बीच संतुलन बना रहेगा, जिससे क्रिकेट और भी रोमांचक हो जाएगा। विशेष रूप से उन मैचों में, जहां ओस का प्रभाव अधिक होता है, यह नियम काफी प्रभावी साबित हो सकता है।"
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Article Source: IANS