हमें सपाट पिचों पर बेहतर बल्लेबाजी करने के बारे में और सीखने की जरूरत : तौहीद हृदॉय
इस सीरीज में भारत और बांग्लादेश के बीच खेल और मानसिकता का अंतर साफ दिखा। हैदराबाद में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 297/6 का स्कोर बनाया, जो इस फॉर्मेट में उनका सबसे बड़ा स्कोर था। जवाब में बांग्लादेश सिर्फ 164/7 रन ही बना सका, जो इस सीरीज में उनका सबसे अच्छा स्कोर था, फिर भी वे 133 रन से हार गए। हृदॉय ने 42 गेंदों में नाबाद 63 रन बनाए और बांग्लादेश के लिए इकलौते सकारात्मक पहलू रहे।
हृदॉय ने कहा, "हमारे अधिकतर खिलाड़ी विकेट को अच्छे से नहीं पढ़ पाते। हम ज्यादातर मैच मीरपुर (जहां स्पिन पिच होती हैं) और कभी-कभी चटगांव में खेलते हैं। अगर हम अच्छी पिचों पर खेलते रहेंगे, तो रातों रात नहीं, पर धीरे-धीरे हम सुधार करेंगे। मैं यह नहीं कहूंगा कि हमारा स्तर बहुत नीचे है। हम एक बहुत मजबूत टीम के खिलाफ खेले। वे टी20 वर्ल्ड चैंपियन हैं और कौशल में हमसे आगे हैं, साथ ही वे अपनी घरेलू परिस्थितियों को अच्छी तरह जानते हैं। मुझे लगता है कि हमारी टीम अच्छी है, लेकिन हमें सपाट विकेटों पर बेहतर खेलना सीखना होगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि इस सीरीज से हारकर बांग्लादेश टीम हर क्षेत्र में बहुत कुछ सीखेगी, जिससे वे एक बेहतर टी20 टीम बन सकें।
उन्होंने कहा कि, बड़ा स्कोर तभी संभव होता है जब टॉप ऑर्डर खासकर नंबर 4 तक रन बनाए। मुझे लगता है कि हमें एक बल्लेबाजी ग्रुप के रूप में सुधार करना होगा। यह समस्या लंबे समय से चल रही है। हमें उम्मीद है कि हम इस सीरीज से सबक लेंगे। हम हर विभाग में पीछे रहे। हमने अच्छी गेंदबाजी नहीं की और न ही हर मैच में अच्छी बल्लेबाजी की। हमें बहुत सुधार करने की जरूरत है। हम ऐसी (बल्लेबाजों के अनुकूल) पिचों पर नहीं खेलते हैं। यह बहाना नहीं है, लेकिन जितना हम ऐसी पिचों पर खेलेंगे, उतना ही हमें आदत होगी।"
उन्होंने यह भी कहा कि इस सीरीज से हारकर बांग्लादेश टीम हर क्षेत्र में बहुत कुछ सीखेगी, जिससे वे एक बेहतर टी20 टीम बन सकें।
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Article Source: IANS